सोमवार को जम्मू कश्मीर से Article 370 और 35 A को हटाने का एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला केंद्र की एनडीए सरकार ने लिया. गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल 2019 पेश किया जिसे राष्ट्रपति की तुरंत ही मंजूरी मिल गई और जम्मू कश्मीर में धारा 370 एक इतिहास बन कर रह गया.
इस सारे घटनाक्रम में एक बाद यो ध्यान देने वाली है कि सभी बड़े नेताओं ने कुछ न कुछ कहा है, चाहे वो पक्ष में हों या विपक्ष में लेकिन इस देश पर 70 साल तक अपनी हुकूमत कायम रखने वाली कांग्रेस पार्टी ने इस पर मसले पर चुप्पी साध रखी है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मसले पर न कुछ कहा है और न ही कोई ट्वीट नहीं किया है. प्रियंका गांधी ने इस मसले पर चुप्पी साध रखी है. कांग्रेस पार्टी के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर भी अनुच्छेद 370 को लेकर हलचल नहीं है. इन तीनों ट्विटर हैंडल पर लास्ट ट्वीट लगभग 24 घंटे पहले की है जो किसी और ही मसले को लेकर जारी की गई है.
एनडीए सरकार या केंद्र सरकार के हर फैसले का विरोध करने वाली कांग्रेस पार्टी पिछले चौबीस घंटे में कुछ भी नहीं बोल रही है. हालांकि हाउस के अंदर तो कांग्रेस ने इसका विरोध जरुर किया लेकिन खुले तौर पर कांग्रेस इस पर कुछ भी नहीं कह पा रही है. शायद कांग्रेस पार्टी को ये लगता है कि कांग्रेस के हाथ से एक चुनावी मुद्दा छिन गया. ऐसा इसलिए माना जा सकता है क्योंकि नोटबंदी और GST पर कांग्रेस ने खूब केंद्र सरकार का विरोध किया था.
बता दें कि सोमवार को मोदी सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया है. सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में एक ऐतिहासिक संकल्प पेश किया, जिसमें अनुच्छेद 370 (Article 370) को हटाने के साथ ही राज्य का विभाजन जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख के दो केंद्र शासित क्षेत्रों के रूप में करने का प्रस्ताव किया गया.
जम्मू कश्मीर केंद्र शासित क्षेत्र में अपनी विधानसभा होगी, जबकि लद्दाख बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित क्षेत्र होगा. राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर के विभाजन का यह बिल 125 बनाम 61 के मुकाबले पास हो गया है.