जम्मू-कश्मीर पर नरेंद्र मोदी सरकार के ऐतिहासिक फैसले का कांग्रेस, राजद समेत विपक्ष की कई पार्टियां विरोध कर रही हैं. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के सीनियर लीडर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आज का दिन भारतीय इतिहास का काला दिन है. बीजेपी की सरकार ने सत्ता के नशे में और वोट हासिल करने के लिए एक झटके में अनुच्छेद 370 के साथ 35A को खत्म कर दिया. इसके साथ खिलवाड़ कर यह बहुत बड़ी गद्दारी कर रहे हैं.
संसद के बाहर बोलते हुए कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पिछले 70 वर्षों में कश्मीर में लाखों लोगों ने कुर्बानियां दी. जब-जब भी राज्य में आतंकवाद का बोलबाला रहा तब भी उन्होंने लड़ाई लड़ी. कश्मीर की आवाम और मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियों ने आतंकवाद का भी मुकाबला किया. आतंकवाद का मुकाबला सुरक्षाबलों ने भी किया.
सत्ता के नशे में बीजेपी
गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘एक झटके में बीजेपी की सरकार ने पॉवर के नशे में वोट हासिल करने के लिए एक पूर्ण राज्य को जिसके पास अपनी संस्कृति है, सभ्याता है, भौगोलिक क्षेत्र के हिसाब से अलग है, राजनीतिक स्तर पर अलग है, इतिहास के तौर पर अलग है, लद्दाख जिसमें मुस्लिम और बौद्ध रहते हैं, कश्मीर जिसमें मुस्लिम और पंडित रहते हैं और सिख रहते हैं. जम्मू में जहां 60 फीसदी हिंदू आबादी है, 40 फीसदी मुस्लिम आबादी है. सिख आबादी है. अगर यहां लोगों को किसी ने बांध कर रखा था तो अनुच्छेद 370 ने रखा था.’
लोकतंत्र का काला अध्याय
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अनुच्छेद 370 में तीनों क्षेत्रों में अलग उपबंध था लेकिन बीजेपी ने एक झटके में तीन चार चीजों की खत्म कर दिया. इसे हिंदुस्तान के इतिहास में काले अध्याय के तौर पर लिखा जाएगा.
गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘अनुच्छेद 370 के साथ-साथ अनुच्छेद 35-ए भी खत्म कर दिया गया. उसके साथ जैसा कि इतना काफी नहीं था राज्य को बर्बाद करने के लिए, राज्य को विभाजित कर दिया. लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया. जम्मू और कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया. जम्मू कश्मीर में राज्यपाल नहीं होगा, अब उप-राज्यपाल होगा. यह कभी सपने में नहीं सोचा गया था. एनडीए सरकार ने जम्मू और कश्मीर का अस्तित्व ही खत्म कर दिया है.
गुलाम नबी आजाद ने चेतावनी देते हुए कहा कि इन्होंने राज्य को विभाजित तो कर दिया है लेकिन इन्हें नहीं पता कि भारत के सामने एक तरफ से चीन के साथ लंबा बॉर्डर है. पाकिस्तान के साथ लंबा चौड़ा बॉर्डर है. पीओके के साथ जम्मू-कश्मीर की सीमा है. भारत इनसे कैसे निपटेगा.
लोकतंत्र के साथ हुआ खिलवाड़
गुलाम नबी आजाद ने नाराजगी जताते हुए कहा कि लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ किया गया है. राज्य की एकता और इंटिग्रिटी के साथ खिलवाड़ किया गया है. यह देश के साथ बहुत बड़ी गद्दारी है. जब कभी पाकिस्तान और चीन ने हमला किया है, कश्मीर के लोग हमेशा लड़ाई में आगे रहे. 1947 में जब हमला हुआ था, फौज के आने से पहले कश्मीर के नौजवानों, औरतों और बच्चों ने लड़ाई लड़ी. मजदूरों और नेताओं ने लाठियों के साथ घुसपैठियों को रोका था.
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि किसी बॉर्डर स्टेट में केवल फौज के साथ दुश्मन को नहीं रोक सकते. वहां के स्थानीय लोगों का भी समर्थन जरूरी है. लोगों को राजनतिक स्तर पर खत्म किया गया. आर्थिक स्तर पर खत्म कर दिया गया. देश का सिर कश्मीर था जिसे भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने काट लिया है.
बिना सिर के हुआ भारत!
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आज सिर के बिना भारत है. कश्मीर देश का मस्तक था. आज देश का सिर काट दिया गया. देश को कमजोर को खत्म कर दिया गया है. लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ किया गया है. कश्मीर से कन्याकुमारी तक जो भी धर्मनिरपेक्ष पार्टियां हैं, उन्हें कश्मीर के लोगों के साथ खड़ा होना चाहिए.
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कश्मीर को टुकड़ों में विभाजित कर दिया गया है. उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि राज्यसभा में विपक्षी पार्टियों के नेताओं की बाइट नहीं प्रसारित की जाती है.