पटना विश्वविद्यालय की पटना सेंट्रल लाइब्रेरी के आज सौ साल पूरे होने के अवसर पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू पटना पहुंचे. लाइब्रेकी के 100 साल पूर होने के उपलक्ष्य में वेंकैया नायडू यहां कार्यक्रम में शामिल हुए और उनके साथ सीएम नीतीश कुमार भी मौजूद थे.
देश के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू आज बिहार दौरे पर पटना पहुंचे। वे पटना विश्वविद्यालय पुस्तकालय व पटना हाईस्कूल के शताब्दी समारोह तथा कैंसर हॉस्पिटल सवेरा के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पटना में छह घंटे तक रहेंगे। वे विशेष विमान से सुबह सवा 11 बजे के करीब पटना एयरपोर्ट पर पहुंचे। वहां राज्यपाल फागू चौहान, सीएम नीतीश कुमार व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने गुलदस्ता देकर स्वागत किया। वहीं, उपराष्ट्रपति के कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस की व्यवस्था की गई है। कई रुटों की ट्रैफिक को भी डायवर्ट किया गया है।
उपराष्ट्रपति ने पटना विश्विद्यालय के समृद्ध पुस्तकालय में दुर्लभ पांडुलिपियों को देखा। और कहा की मेरा आग्रह होगा कि आप राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन का लाभ उठाएं। इस योजना के तहत आप न सिर्फ इन दुर्लभ पांडुलिपियों को संरक्षित कर सकते हैं बल्कि उन्हें विश्व भर के शोधार्थियों को उपलब्ध करा सकते हैं।
राष्ट्रीय जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में पटना विश्वविद्यालय का अभिनन्दनीय योगदान रहा है। यहीं से पढ़े श्रद्धेय जयप्रकाश नारायण, डॉ बिधान चन्द्र रॉय, श्री अनुग्रह नारायण सिन्हा, न्यायमूर्ति बी पी सिन्हा जैसी विभूतियों ने राष्ट्रीय जीवन में स्मरणीय योगदान किया।
हमने अपने ज्ञान को विश्व कल्याण के लिए सबके साथ साझा किया। हमारा संस्कार रहा कि बांटने से ज्ञान का विस्तार ही होता है।हमारा विश्व दर्शन वसुधैव कुटुंबकम् के आदर्श से परिभाषित होता रहा है। इसी कारण भारतीय ज्ञान और अध्यात्म का विश्व भर में प्रचार प्रसार हुआ।
इंटरनेट के युग में पुस्तकालयों को प्रासंगिक बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि उनकी भूमिका बढ़ाई जाए। विश्वविद्यालयों को अपने पाठ्यक्रम और अध्यापन पद्धति में बदलाव लाना चाहिए जिससे छात्रों में पुस्तकालय जा कर संदर्भ ग्रंथ पढ़ने की रुचि जगे।