वन महोत्सव के दौरान पटना के पीरमुहानी कब्रिस्तान में आयोजित राजकीय समारोह में पौधारोपण के बाद उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने जलवायु पर्वितन, ग्लोबल वार्मिंग,जल व वायु प्रदूषण के कारण पृवी पर उत्पन्न संकट से आगाह करते हुए कहा कि बोरिंग के जरिए भूजल के अनियंत्रित दोहन को रोकने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सभी धर्मो में पेड़ का महत्व स्वीकार किया गया है। सभी को‘‘ एक पेड़ लगायेंगे, धरती को बचायेंगे’ का संकल्प लेना चाहिए। श्री मोदी ने कहा कि कल-कारखाने लगाने व विकास के नाम पर पेड़ों को काटने का ही नतीजा है कि धरती तवे की तरह तप रही है। यूरोप के कई देशों में जहां लोग गर्मी की छुट्टियां मनाने जाते थे, वहां का तापमान 40 डिग्री तक पहुंच गया हैं। एयरकंडिश्नर, बिजली की खपत व गाड़ियों की भरमार की वजह से तरह-तरह की गैस पैदा हो रही हैं और गर्मी बढ़ रही है। जलवायु परिवर्तन का सर्वाधिक कुप्रभाव कृषि उत्पादन और गरीबों पर पड़ रहा है। पानी का संकट गहराने के कारण बिहार के कई जिलों में टैंकर से पानी पहुंचाना पड़ा है। गर्मी की शुरुआत में ही भूजल के नीचे गिरने से हजारों चापाकल ठप पड़ गए। सरकार ने निर्णय लिया है कि सभी अस्पतालों, स्कूलों व सरकारी भवनों के वष्ा जल का संचय कर उसे 50 फीट नीचे धरती में पाइप के जरिए डाला जायेगा ताकि भूजल का स्तर बना रहे। सरकार ने राज्य के सभी तालाब-पोखर, आहर-पईन आदि की उड़ाई और पुनरेद्धार का भी निर्णय लिया है। ‘‘ जल-जीवन-हरियाली’ अभियान के तहत एक-एक बूंद जल का संरक्षण व अधिक से अधिक पेड़ लगा कर ग्रीन कवर बढ़ाने की जरूरत है। 15 दिवसीय वन महोत्सव के दौरान डेढ़ करोड़ पौधे लगाये जायेंगे। यह एक जन अभियान है, इससे सभी को जुड़ने की जरूरत है।
मांझी की पार्टी को महिलओं से माफी मांगनी चाहिए
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