जम्मू-कश्मीर के हालात पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद उमर अब्दुल्ला ने कहा, हमने गवर्नर से राज्य के बारे में चर्चा की. हमें कुछ नहीं बताया जाता है. गवर्नर ने हमें बताया कि अनुच्छेद 370 को लेकर किसी ऐलान की तैयारी नहीं की जा रही है.
जम्मू-कश्मीर में अचानक से रोकी गई अमरनाथ यात्रा, सैलानियों को वापस आने की एडवाइजरी और घाटी में 25 हजार सैनिकों की अतिरिक्त तैनातगी के बीच राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की है. इसके साथ ही अफवाह यह भी है कि केंद्र सरकार राज्य में अनुच्छेद 35A हटाने का विचार कर रही है. राज्यपाल से मुलाकात के बाद मीडिया से बाहर आकर उमर अब्दुल्ला ने कहा, हमें पता नहीं पता कि क्या हो रहा है. इसलिए एक प्रतिनिधिमंडल जिसमें में भी शामिल हूं, राज्यपाल से मिलकर पूछा कि यह सब कुछ क्यों हो रहा है. हमने अनुच्छेद 35A और अनुच्छेद 370 को हटाने की खबरों के बारे में भी पूछा है, जिस पर उन्होंने आश्वासन दिया है कि ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है.’ लेकिन इसके उमर अब्दुल्ला ने यह भी जोड़ा कि राज्यपाल के शब्द आखिरी नहीं होते हैं. हम जम्मू-कश्मीर पर सरकार की ओर से संसद में बयान चाहते हैं.
उमर अब्दुल्ला ने कहा, हमने राज्यपाल को बताया कि कश्मीर के लोगों में 35 ए और 370 को लेकर तरह-तरह की अफवाहें चल रही हैं. राज्यपाल ने हमें आश्वासन दिया कि इन सभी मुद्दों में किसी भी घोषणा की कोई तैयारी नहीं की जा रही है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर राज्यपाल ने जो बातें हमसे कहीं है वह अंतिम शब्द नहीं हैं. जम्मू-कश्मीर पर हम भारत सरकार से ये बात सुनना चाहते हैं. राज्यपाल जो कुछ भी सार्वजनिक रूप से हमें बताते हैं, मैं निश्चित रूप से भारत सरकार से सार्वजनिक रूप से सुनना चाहूंगा कि लोगों को चिंता करने की कोई बात नहीं है.
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से जारी निर्देश जारी किए गए हैं कि अमरनाथ यात्रा के श्रद्धालु और सैलानी तुरंत अपनी जगह छोड़कर राज्य से बाहर चले जाएं. इस निर्देश के एक दिन बाद उमर अब्दुल्ला ने राज्यपाल से मुलाकात की है. ऐसे निर्देश के बाद राज्य में भय का माहौल है और श्रद्धालु-पर्यटकों की श्रीनगर में एयरपोर्ट पर भी लग गई है. इसके साथ ही एटीएम, दवा की दुकानों पर भीड़ लग गई है साथ ही लोगों खाने का सामान, पानी और जरूरी सामान भी इकट्ठा करना शुरू कर दिया है. पेट्रोल पंपों पर भी भारी भीड़ देखी जा सकती है.
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में उस समय तनाव बढ़ा गया था जब पिछले हफ्ते ही 25 हजार सैनिक कश्मीर घाटी भेजे गए थे. उससे पिछले हफ्ते भी 10 हजार सैनिक भेजे गए थे. सैनिकों की अतिरिक्त तैनातगी पर केंद्र सरकार का कहना है कि यह सुरक्षा को लेकर किया गया फैसला है. गौरतलब है कि इससे पहले उमर अब्दुल्ला की अगुवाई में एनसीपी का एक प्रतिनिधिमंडल इस सिलसिले में पीएम मोदी से भी मुलाकात कर चुका है.