बिहार कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पर लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में हुए छात्र आंदोलन में शामिल लोगों को दी जा रही पेंशन को सरकारी धन का अपव्यय करने का आरोप लगाते हुये आज कहा कि यह राजनीतिक हित के लिए सरकारी खजाने की लूट है। कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्र ने यहां कहा कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 1974 के जेपी आंदोलन में भाग लेने वाले राजनीतिक कार्यकर्ताओं को प्रतिमाह 10 हजार और पांच हजार रपए बतौर पेंशन देना सरकारी धन का न केवल अपव्यय है बल्कि राजनीतिक हितों के लिए खजाने की लूट भी है। उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा कि जेपी सेनानियों को बतौर पेंशन पांच और दस हजार रुपये तो रज्य के वृद्धों, विकलांगों और महिलाओं को पेंशन सिर्फ 400 रुपये क्यों। श्री मिश्र ने बताया कि वर्ष 1974 का छात्र आंदोलन कांग्रेस सरकार के विरुद्ध राजनीतिक आंदोलन था, जिसका उद्देश्य सत्ता प्राप्त करना था। इस आंदोलन में शामिल अधिकांश लोग विधायक, सांसद, मंत्री और मुख्यमंत्री बन गए और जो छूट गए वैसे कई हजार कार्यकर्ताओं को अब तक पेंशन के नाम पर बिहार सरकार ने अपने खजाने से एक अरब 46 करोड़ 74 लाख रुपये बांट दिये हैं। विधान पार्षद ने आश्र्चय व्यक्त करते हुये कहा कि मुख्यमंत्री अपने राजनीतिक समर्थकों को हर महीने 10 हजार रुपये तक देने के लिए अरबों रुपये बांट सकते हैं लेकिन गरीबों को देने के नाम पर उनका खजाना खाली हो जाता है।
मांझी की पार्टी को महिलओं से माफी मांगनी चाहिए
राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप यादव ने एक बार फिर से पूर्व मुख्यमंत्री...