बिहार विधान मंडल के दोनों सदनों विधान सभा और विधान परिषद का मानसून सत्र शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया। मानसून सत्र में कुल 21 बैठक हुई। इस दौरान चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 का बजट पारित हुआ जबकि सदन से प्रथम अनुपूरक व्यय विवरणी भी पारित हुआ। साथ ही सभी विभागों का मांग भी पास हुआ। विधान सभा में अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी जबकि विधान परिषद में कार्यकारी सभापति हारुण रशीद के समापन भाषण के साथ सदन की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गयी।
बिहार ने नई शिक्षा नीति पर सुझाव देने को मांगा और समय
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार ने नई शिक्षा नीति 2019 पर सुझाव देने के लिए केन्द्र सरकार से समय सीमा बढ़ाने का आग्रह किया है। विधान सभा में प्रश्नोत्तरकाल समाप्त होने के बाद भाकपा-माले के सदस्य नई शिक्षा नीति वापस लो के नारा लगाते हुए सदन के बीच में आकर हंगामा करने लगे। मुख्यमंत्री ने भाकपा-माले के सदस्यों से अपनी सीट पर जाने का आग्रह किया और इसके बाद कहा कि अभी नई शिक्षा नीति 2019 बनी नहीं है। केन्द्र सरकार ने नई शिक्षा नीति के संबंध में राज्यों से 31 जुलाई तक सुझाव देने को कहा है। श्री कुमार ने कहा कि उत्तर बिहार बाढ़ की चपेट में है और राज्य के अन्य हिस्से में सूखे की स्थिति है। ऐसे में इस माह के अंत तक बिहार सरकार नई शिक्षा नीति के संबंध में सुझाव नहीं दे पायेगी। केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर सुझाव देने के लिए और समय देने की मांग की गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार नई शिक्षा नीति के संबंध में केन्द्र को अपना सुझाव देगी। भाकपा माले समेत अन्य सदस्यों से भी आग्रह किया यदि उनके पास नई शिक्षा नीति को लेकर कोई सुझाव है तो वह राज्य सरकार को दें। इससे पूर्व भाकपा माले के सदस्य शून्यकाल शुरू होते ही अपनी सीट से ही नई शिक्षा नीति के विरोध में पोस्टर लेकर खड़े हो गये और जोर-जोर से कुछ कहने की कोशिश करने लगे। इस पर विधान सभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सत्र के अंतिम दिन आपको शिक्षा नीति की कैसे याद आ गयी। श्री चौधरी ने भाकपा-माले के सदस्यों से शून्यकाल होने देने का आग्रह किया लेकिन वे नहीं माने और नारे लगाते हुए सदन के बीच में आ गये। वे नई शिक्षा नीति को वापस लेने के संबंध में सदन से प्रस्ताव पारित कर केन्द्र सरकार को भेजने की मांग कर रहे थे।