केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने लोकसभा के पहले सत्र के पहले ही दिन तीन तलाक विधेयक का मसौदा पेश किया था. आज लोकसभा की मंजूरी के लिए इस विधेयक को रखा जाएगा. पीएम मोदी कई बार इस बिल को पास कराने की प्रतिबद्धता जाहिर कर चुके हैं. सदन में इसपर चर्चा जारी है, लेकिन एनडीए की सहयोगी जनता दल यूनाइटेड ने इस बिल का विरोध करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया है.
ललन सिंह ने विरोध में रखे जोरदार तर्क
पार्टी की तरफ से सांसद ललन सिंह ने इस बिल का विरोध करते हुए सदन में जोरदार तर्क रखे. उन्होंने कहा कि यह कानून समाज में अविश्वास पैदा करेगा. हम हमेशा से एनडीए में रहे हैं, लेकिन धारा 370, समान नागरिक संहिता और राम मंदिर जैसे विवादास्पद मुद्दों पर हमारा विचार हमेशा से अलग रहा है.
जन जागृति पैदा करना बेहतर उपाय
उन्होंने कहा कि तीन तलाक बिल समाज के मन में अविश्वास और खास तरह की भावना पैदा करता है. आपसी कानून को बनाकर पति-पत्नी के रिश्ते को तय नहीं कर सकते. तलाक को कोई भी पसंद नहीं करेगा, आपको कानून बनाने के बजाए उस समुदाय के लिए जन-जागृति पैदा करने का हर संभव उपाय करना चाहिए.
समाज सिर्फ संविधान से नहीं चलता
ललन सिंह ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी कहा था कि जब सुप्रीम कोर्ट में केस चल रहा था कि हम समुदाय के जन-जागृति के लिए काम करेंगे. यह समाज सिर्फ संविधान से नहीं चलता है, रीति-रिवाज, परंपरा से भी चलता है.
बता दें कि पहले यह कहा जा रहा था कि जेडीयू तीन तलाक बिल के विरोध में मतदान करेगी. हालांकि पार्टी ने सदन का वॉक आउट कर अपना विरोध जता दिया है.