हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (से) के चौथा स्थापना दिवस के अवसर पर दल के सभी नेताओ ने 34 निर्णय जीतन राम मंझी के मुख्यमंत्री काल में लिये गये थे। उन्हें पूरा करने के लिए धरना प्रदर्शन आंदोलन का सहारा लेने के लिए कटिबद्धता जाहिर की। श्री मांझी ने कहा कि हमारी पार्टी हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (से) समान शिक्षा, मतदाता सूचि आधार कार्ड से जोड़ने, वैसे मजदूर कुशल या अकुशल राज्य से पलायन कर चुके हैं, उनका निबंधन कराने एवं चुनाव के समय पोस्टल बैलेट की व्यवस्था करने या उनको राज्य में बुलाकर मतदान कराना सुनिश्चित कराने के लिए तथा नीजी क्षेत्रों में आरक्षण की व्यवस्था करने के साथ- साथ न्यायपालिका में भी आरक्षण की व्यवस्था करने के लिए दल काम करेगा। मांझी ने कहा पार्टी को मजबूत करने के उद्देश्य से नौ अगस्त से सदस्यता अभियान प्रारंभ करने के निर्णय को पुन: दोहराया गया। साथ ही कम से कम पांच हजार आजीवन सदस्य बनाने का संकल्प लिया गया। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार से दुर्भावना के कारण केन्द्र ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड, मुजफ्फरपुर चमकी बुखार, गया में जैपनीज बुखार, गया, औरंगाबाद, नवादा में लू से हुई मृत्यु और बाढ़ एवं सुखाड़ से तंग-तबाह बिहार के लिए स्पेशल पैकेज देना तो दूर संवेदना का एक शब्द बिहार की जनता से नहीं कहा। श्री मांझी ने कहा कि बिहार सरकार के साथ सौतेला व्यवहार से प्रतीत होता है कि नरेन्द्र मोदी की सरकार देश के सभी राज्यों में भाजपा की सरकार बनाने के लिए हर हथकंडा अपना रही है। स्थापना दिवस के अवसर पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बीएल वैश्यन्त्री, पूर्व मंत्री डा. अनिल कुमार, डा. उपेंद्र प्रसाद, ड दानिश रिजवान, विजय यादव, रामविलास प्रसाद, रघुवीर मोची, मसूद रजा, हेमलता पासवान, अनिल रजक, रविंद्र शास्त्री, गीता पासवान, देवेंद्र मांझी, रामचंद्र राउत, बलमा बिहारी, तनवीर उर रहमान, रामनिवास प्रसाद, साधना देवी, अनिता चौधरी, द्वारिका पासवान, बसंत कुमार गुप्ता, राजेश्वर पासवान, जितेंद्र ज्योति, अमर कुमार भारती, चंद्रभूषण कुशवाहा, दीपक ज्योति, अमरेंद्र कुमार त्रिपाठी आदि नेता मौजूद थे।
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