नेपाल में हो रही बारिश के बाद मौसम विभाग ने उत्तर बिहार में भी 23 से 27 जुलाई तक भारी बारिश की आशंका जतायी है. इसके बाद मुजफ्फरपुर, पश्चिम चंपारण, मधुबनी और सीतामढ़ी के जिला प्रशासन ने अनुमंडल और अंचल स्तर तक के अधिकारियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है.
आपदा विभाग के आंकड़ों के अनुसार अब तक 106 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि गैर आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इसकी संख्या 194 है. इस बीच मौसम विभाग के अनुसार बिहार के अधिकतर हिस्सों में भारी बारिश के आसार हैं. इसको देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग ने बाढ़ प्रभावित जिलों के डीएम सहित सभी प्रशासनिक अधिकारियों को अलर्ट पर रहने का निर्देश जारी कर दिया है.
नेपाल में भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट
नेपाल के मौसम विभाग ने भी वहां भारी बारिश की संभावना जताई है. इसको लेकर नेपाल में रेड अलर्ट भी जारी किया गया है. जाहिर है नेपाल में अगर भारी बारिश होती है तो इसका सीधा असर बिहार के बाढ़ग्रस्त इलाकों में पड़ेगा.
दोगुना डिस्चार्ज हुआ पानी
इस बीच नेपाल की ओर से पानी डिस्चार्ज भी दो दिन में लगभग दोगुना हो गया है. गंडक बराज, नारायण घाट नेपाल में 23 जुलाई के 69400 क्यूसेक के मुकाबले 24 जुलाई को 111700 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हुआ है.
नेपाल में बारिश का बिहार में असर
दरअसल नेपाल के ऊपरी इलाके में हुई बारिश का पानी बिहार के निचले इलाके में तबाही लाती है. जाहिर है इससे बिहार के नेपाल लगे इलाके के लोगों की धड़कनें बढ़ गई हैं. आशंका जताई जा रही है कि पहले से बुरी तरह बाढ़ प्रभावित इलाकों में हालात और बिगड़ सकते हैं.
12 जिलों के 1123 पंचायत बाढ़ प्रभावित
बता दें कि फिलहाल 69 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. वहीं, लोगों की राहत के लिए 54 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं जिसमें हजारों की संख्या में लोगों ने शरण ले रखी है. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 12 जिलों के 1123 पंचायतों में 69.27 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं.
मोतिहारी में सबसे अधिक मौत
मौत के गैर आधिकारिक आंकड़ों पर जिलावार नजर डालें तो मोतिहारी में बाढ़ से अब तक 49, सीतामढ़ी में 34, मधुबनी में 23, दरभंगा में 20, पूणियां, अररिया और कटिहार में 14-14, शिवहर में 11 मौतें हो चुकी है.
12 जिले हैं बाढ़ प्रभावित
वहीं, किशनगंज में अब तक 7, सहरसा में 4, सुपौल और समस्तीपुर में 2-2 लोगों की मौत हुई है. बता दें कि शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, अररिया, किशनगंज, सुपौल, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सहरसा, कटिहार और पूर्णिया में जुलाई महीने की शुरुआत से ही बाढ़ का कहर है.
कटिहार जिले के अलग-अलग प्रखंडों में एक बच्ची समेत एक किशोर की मौत पानी में डूबने से हो गयी । दो दिनों के अंतराल में अब तक आठ लोगों के बाढ़ के पानी में डूबने से मौत हो गयी है । रविवार को अलग अलग जगहों पर छह लोगों की मौत पानी में डूबने से हुई । जबकि सोमवार एक बच्ची सहित किशोर की मौत होने से खासकर बारसोई अनुमंडल में मृतकों के परिजनों के बीच मातमी सन्नाटा पसर गया है। एक तो महानंदा नदी में आयी बाढ़ के कारण प्रा.तिक आपदा के तहत तीन लाख की आबादी को बांध व सड़क के किनारे रहने के लिए विवश होना पड़ रहा है। बताते चलें कि सोमवार को बलिया बेलोन थाना के शिकारपुर पंचायत के नाजिरपुर गांव की छह वर्षीय बच्ची तरन्नुम खातून की डूबने से मौत हो गयी । वहीं बारसोई प्रखंड के बिघोर हाट पंचायत के बिघोर गांव निवासी मो. रेजाउल के चौदह वर्षीय पुत्र मो. शाहिल की मौत बाढ़ के पानी में डूबने से हो गयी । तरन्नुम की मौत खेलने के क्रम में नदी के किनारे फिसलने से हो गयी । जबकि स्नान करने के दौरान शाहिल का पैर फिसल के कारण नदी में डूबकर हो गयी । जिसकी पुष्टि सीओ संजय कुमार सिंह और पंचायत के मुखिया रफीक ने की है । उधर रविवार को रामनगर मुहल्ला के रहनेवाले दो युवक की मौत मनिया स्थित कमला बांध के धार में डूबने से हो गयी थी । बताया जाता है कि रामनगर मुहल्ला के सतरह वर्षीय नीतीश कुमार पिता सुधीर रमाणी तथा अठारह वर्षीय नीरज कुमार पिता उमेश राम की मौत मनिया धार में डूबने से हुई। इसी तरह रविवार को ही कदवा थाना क्षेत्र के रशिया पंचायत के चौकी बलिहार गांव के समीप छह वर्षीय बालक की मौत हुई थी। जबकि कदवा प्रखंड में ही कुरसेल पंचायत में कचौड़ा कलर्वट के पास युवती फुलिया कुमारी की मौत रविवार को हो गयी थी। इसी तरह दोखड़ा गांव में ग्यारह वर्षीय मो. इमानी की मौत बाढ़ के पानी में डूबने से रविवार को हुई थी । इमानी शौच करने पानी लेने के लिए गया था जहां पैर फिसलने के बाद गहरे पानी के अंदर जाने से उसकी मौत हो गयी। डंडखोरा प्रखंड के सौरिया पंचायत के दलित टोला के नौ वर्षीय खुशबू कुमारी की मौत बाढ़ के पानी में डूबने से हो गयी थी । अपर समाहर्ता कमलेश कुमार सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान दिये गये निर्देश के आलोक में सभी अनुमंडलाधिकारी तथा अंचल पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि बाढ़ के पानी में डूबने वाले लोगों के आश्रितों को चौबीस घंटे के अंदर सारी प्रक्रिया पूरी कर चार लाख बाढ़ सहाय्य की राशि उसके खाते में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। इस प्रक्रिया के तहत सभी आश्रितों को राहत की राशि उपलब्ध करायी जा रही है ।