राज्य सरकार ने बिहार विधान परिषद में मंगलवार को स्वीकार किया कि राज्य में चिकित्सा महाविद्यालयों एवं एमबीबीएस सीटों की संख्या कुछ प्रदेशों की तुलना में कम है, लेकिन सरकार इस दिशा में सुधार को लेकर लगातार प्रयत्नशील है। राज्य में सरकारी एवं निजी क्षेत्र को मिलाकर मेडिकल कॉलेजों की संख्या 14 हो गयी है। इससे अलावा मधेपुरा जिले के अलावा सरकारी क्षेत्र में पूर्णिया, समस्तीपुर, सारण, झंझारपुर, सीतामढ़ी, बक्सर, जमुई, सीवान, बेगूसराय, वैशाली एवं भोजपुर में कुल 11 जगहों पर चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना की जा रही है। ये बातें स्वास्य मंत्री मंगल पांडेय ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के केदारनाथ पांडेय के ध्यानाकर्षण सूचना का जवाब देते हुए कही। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में राज्य में सरकारी प्रक्षेत्र में कुल नौ चिकित्सा महाविद्यालय एवं निजी क्षेत्र में तीन चिकित्सा महाविद्यालय कुल 12 चिकित्सा महाविद्यालय थे, जिनमें सरकारी प्रक्षेत्र की सीटों की संख्या 950 एवं निजी क्षेत्र में 350 कुल 1300 एमबीबीएस की सीटें थीं। वर्ष 2019 में राज्य में निजी क्षेत्र में मधुबनी एवं सहरसा जिले में दो नए चिकित्सा महाविद्यालयों को केंद्र सरकार द्वारा मान्यता प्रदान की गई है, जिनकी नामांकन क्षमता क्रमश: 150 और 100 एमबीबीएस सीटों की है। इस तरह वर्ष 2019 में प्रदेश में चिकित्सा महाविद्यालयों की कुल संख्या 14 हो गई है। स्वास्य मंत्री ने कहा कि इसी तरह वर्ष 2019 में सरकारी क्षेत्र के कुल नौ चिकित्सा महाविद्यालयों में भी एमबीबीएस सीटों की संख्या में 190 सीटों की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि इसे वर्ष 2019 में राज्य में चिकित्सा महाविद्यालयों की कुल संख्या 14 एवं एमबीबीएस सीटों की कुल संख्या 1740 हो गई है। पिछले वर्ष की तुलना में 440 सीटों की बढ़ोतरी हुई है। राज्य में नए चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना एवं एमबीबीएस सीटों में और वृद्धि के लिए सरकार लगातार प्रयत्नशील है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि अगले वर्ष मधेपुरा जिले में निर्माण के अपने अंतिम चरण में पहुंच चुके चिकित्सा महाविद्यालय में 100 एमबीबीएस सीटों के साथ पढ़ाई शुरू हो जाएगी। इससे राज्य में चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सकों की कमी को काफी हद तक दूर किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक रूप से इन सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में 100 एमबीबीएस सीटों के साथ पढ़ाई प्रारंभ करने की योजना है। स्वास्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सरकारी प्रक्षेत्र के अलावा निजी क्षेत्र में भी चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिसके कारण मुजफ्फरपुर के तुर्की एवं पटना के बिहटा में क्रमश: 150 तथा 100 एमबीबीएस नामांकन क्षमता के साथ नए चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना के लिए अनिवार्यता प्रमाण पत्र निर्गत किये गये हैं। कटिहार मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस नामांकन क्षमता एक सौ से बढ़ाकर 150 करने के लिए भी अनिवार्यता प्रमाण पत्र निर्गत किये गये हैं। राज्य के पुराने चिकित्सा महाविद्यालयों की नामांकन क्षमता में और वृद्धि के लिए भी सरकार प्रयत्नशील है। इसके लिए दरभंगा चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल लहरियासराय दरभंगा में 100 एवं शेष पांच चिकित्सा महाविद्यालयों में 50-50 अतिरिक्त एमबीबीएस सीटों में वृद्धि के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद को आवेदन दिया गया है। स्वास्य मंत्री ने कहा कि आवेदन की स्वीकृति के बाद अगले वर्ष से राज्य में सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों मधेपुरा समेत एवं निजी क्षेत्र के चिकित्सा महाविद्यालयों की स्वीकृति मिलने के बाद 700 सीटों की और वृद्धि की जाएगी। इससे अगले वर्ष राज्य में 2440 सीटों पर नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि पूर्व के 1300 एमबीबीएस सीटों की तुलना में वर्ष 2020 में 1140 एमबीबीएस की सीटें बढ़ जाएंगी।
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