गुरुवार को विधान परिषद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जेपी आंदोलन के दौरान मेरी गिरफ्तारी बंदूक की नोंक पर हुई थी। कनपट्टी में बंदूक लगाकर पुलिस लोगों को जेल ले गई थी। कम से कम कांग्रेस के लोग लाठीचार्ज और दूसरी चीज की बातें न करें। दरअसल कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्र के तारांकित प्रश्न के जरिए सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि पुलिस मैन्यूअल के विपरीत पुलिस प्रदर्शनकारियों के माथे पर लाठी बरसाती है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को बिहार विधान परिषद की पहली पाली में कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा के एक सवाल पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आपकी सरकार में मुझे कनपटी में पिस्तौल सटाकर जेल ले जाया गया था. दरअसल प्रेमचंद्र मिश्रा सदन में बोल रहे थे कि आज की पुलिस सिर पर लाठी मारती है़ जबकि, पुलिस मैन्युअल में पैर से नीचे लाठी मारने का प्रावधान है. इसी पर मुख्यमंत्री ने टिप्पणी करते हुए अपने साथ घटी घटना का जिक्र किया.
विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्र ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की टिप्पणी पर कहा कि उस समय जो कुछ हुआ वह गलत था और उस समय की तत्कालीन सरकार चली गयी थी. उन्होंने आगे कहा कि जो आज हो रहा है वह भी गलत है, उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि ऐसे में उनकी भी सरकार चली जायेगी.
कार्यकारी सभापति ने सिखाया तरजीह का उच्चारण
वहीं, विधान परिषद की दूसरी पाली में शून्यकाल के दौरान राजद के विधान पार्षद सुबोध कुमार जब अपनी बात कह रहे थे तो वे तरजीह शब्द का ठीक से उच्चारण नहीं कर सके. इस पर कार्यकारी सभापति हारुन रशीद ने उन्हें टोका और कहा कि तरजीह होता है इसे बोलिये. सुबोध कुमार ने उस समय तो बोल दिया, लेकिन थोड़ी देर फिर से इस शब्द का गलत उच्चारण कर रहे थे. इस पर कार्यकारी सभापति ने फिर से टोका और शब्द का सही उच्चारण करवाया.