गुरु पूर्णिमा के दिन जनता दल यूनाइटेड के विधान पार्षद सरकारी अवकाश चाहते हैं. लेकिन ये मांग करना बिहार विधान परिषद मैं उन्हें महंगा पड़ गया, क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यह बात रास नहीं आयी. उन्होंने उल्टे विधान पार्षदों को उस दिन 2 घंटे ज्यादा काम करने की नसीहत दे डाली. दरअसल, जनता दल यूनाइटेड के दो विधान पार्षद संजीव कुमार सिंह और रणवीर नंदन ने गुरु पूर्णिमा पर सरकारी अवकाश की मांग की. रणवीर नंदन तो दो कदम आगे जाकर सदन में गुरु पूर्णिमा के महत्व और संस्कृत में श्लोक पढ़ने लगे.
इस बीच सदन की कार्रवाई को अपने कक्ष से टीवी पर देख रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यह मांग पूरी अटपटी लगी. इसके बाद वो तुरंत सदन में आए और आते ही उन्होंने कहा इस मांग से मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ है. क्या आप हर दिन जो पूजा करते हैं, उस दिन छुट्टी चाहते हैं? फिर उन्होंने कहा कि अभी क्या चल रहा है, अभी गुप्त नवरात्र चल रहा है. तो क्यों नहीं कहते कि गुप्त नवरात्र पर भी पूरी छुट्टी दे दी जाए. फिर उन्होंने कहा कि गुरु पूर्णिमा के दिन तो सदन की कार्रवाई दो घंटे और बढ़ाई जानी चाहिए.
इसके बाद नीतीश कुमार ने कहा आप क्या चाहते हैं कि गुरु की पूजा है तो छुट्टी मनानी है. पूजा तो आप कभी भी कर सकते हैं. आप क्या चाहते हैं कि आप जितने पर्व मनाएंगे सब दिन छुट्टी हो जाए. सार्वजनिक अवकाश हो जाए. आपके गुरुओं ने यही सिखाया है कि दिन भर घर में बैठे रहो और कोई काम ना करो. बल्कि उन्होंने तो आप सबको और काम करने के लिए प्रेरित किया है. इसलिए आप लोगों की इस मांग से मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ है. नीतीश कुमार की इस बात के बाद सदन में हर सदस्य ख़ासकर सत्तारूढ़ दल के सदस्य बगलें झांक रहे थे.
सीएम ने पूछा, ये कौन पुजारी हैं, जो गुरु की पूजा के लिए छुट्टी मांग रहे हैं? सही पुजारी तो वही है जो काम के लिए और भी प्रेरित हों और खूब काम करें. गुरु पूर्णिमा की जो सबसे बड़ी प्रेरणा है कि आप खूब काम कीजिए. खूब सेवा कीजिए. छुट्टी क्यों मांग रहे हैं, काम दो घंटे समय बढ़ा दीजिए, ताकि और प्रेरणा मिले.