मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मानना है कि भारतीय रेल राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है और हर हाल में इस पर नियंतण्रसरकार का ही होना चाहिए।मुख्यमंत्री ने भारतीय रेल के निजीकरण की ओर बढ़ते कदम को लेकर लगाई जा रही अटकलों के बीच सोमवार को कहा कि जब देश करीब 600 रियासतों में बंटा था उस समय भी देश को रेलवे ने ही जोड़ कर रखा था। आज भी भारतीय रेल राष्ट्र की एकता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि वह रेल मंत्री रह चुके हैं और उनकी यह भावना तथा व्यक्तिगत राय है कि भारतीय रेल पर नियंतण्रहर हाल में सरकार का ही रहना चाहिए। अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार में रेल मंत्री रहे नीतीश ने कहा कि रेलवे की बेहतरी के लिए निजी-सार्वजनिक भागीदारी (पीपीपी) मोड में निवेश में कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन रेलवे पर नियंतण्रसरकार का ही होना चाहिए ।
द पटना (वार्ता)।सूबे में भूमिगत-जल स्तर में आई कमी से चिंतित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के हर सार्वजनिक तालाब को अतिक्रमण से मुक्त कराने का संकल्प लेते हुए लोगों से इसमें सहयोग करने की अपील की।नीतीश ने सोमवार को विधानसभा स्थित अपने कक्ष में पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘दरभंगा और मधुबनी में भूमिगत-जल स्तर में कमी गंभीर जल संकट का संकेत है यदि हम अभी भी सचेत नहीं हुए तो स्थिति नियंतण्रसे बाहर हो जाएगी।’ उन्होंने कहा कि राज्य के सभी सार्वजनिक तालाबों को अतिक्रमण से मुक्त कराना जरूरी है और उसमें सभी लोगों से सहयोग की अपेक्षा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भूजल स्तर को बनाए रखने के लिए परंपरागत तरीके को बचाए रखना बेहद जरूरी है। मगध प्रमंडल के इलाके में वह बचपन से देखते रहे हैं कि किस तरह से आहर, पइन और तालाब के जरिए जलस्तर को कायम रखा जाता था लेकिन आज कुछ लोगों ने इस पर अतिक्रमण कर लिया है। उन्होंने कहा कि पहले चरण में सभी तालाबों को अतिक्रमण से मुक्त कराया जाएगा और उसकी सफाई भी कराई जाएगी। नीतीश ने इस कार्य में मीडिया से भी सहयोग का आग्रह करते हुए कहा कि लोगों को जागरूक करने में मीडिया की बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि लोग जागरूक होंगे तो इसके कारण विधि-व्यवस्था की भी कोई समस्या नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सार्वजनिक स्थल पर जो कुएं हैं उन्हें भी पुनर्जीवित कराया जाएगा। इसके लिए ग्राम अभियांण विभाग को ऐसे कुओं की सूची बनाने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के सात निश्चय में से एक ‘‘हर घर नल का जल’ के तहत अगले वर्ष 15 अगस्त से पहले हर घर तक नल का जल पहुंचा दिया जाएगा। नीतीश ने कहा कि हर घर नल का जल योजना का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। कुछ जगहों से उन्हें जानकारी मिली है कि लोग नल के जल का दुरुपयोग खेत को पटाने और मवेशियों को नहलाने के लिए करते हैं, जो ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि जल संचय सभी की जिम्मेवारी है और आने वाली पीढ़ी के लिए जरूरी है। मुख्यमंत्री ने नए जिले बनाने की मांग के संबंध में कहा कि राज्य में अधिकारियों की इतनी कमी है कि नए जिले बनाना अभी संभव नहीं है। जब तक आधारभूत संरचना न हो तब तक नए जिला बना देने से कुछ नहीं होगा। उन्होंने कहा कि वह वैसे व्यक्ति नहीं हैं कि नया जिला और प्रखंड बना दें लेकिन उसके लिए जरूरी कार्यालय ही न हो। नीतीश ने पूर्वर्ती राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा कि एक समय राज्य में कई जिला और प्रखंड बना दिए गए लेकिन उसके लिए आधारभूत सुविधाएं नहीं दी गईं। उन्होंने कहा कि जब उनकी सरकार बनी तब इसके लिए जरूरी भवन और अन्य सुविधाएं प्रदान की गईं। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समय ऐसा था जब एक ही भवन में तीन-तीन प्रखंड विकास पदाधिकारी बैठते थे। इससे लोगों को कोई लाभ नहीं होता था। लोगों को पहले की तरह ही दूरी तय करनी पड़ती थी। उन्होंने कहा कि नए जिले की मांग सिर्फ एक भावना से जुड़ा मामला है। इससे उस इलाके के लोगों को कोई नुकसान नहीं हो रहा है। पहले जो जरूरी काम है उसे पूरा करना आवश्यक है।
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