जापान के ओसाका में जी-20 सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स देशों के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात में आतंकवाद का मुद्दा उठाया. पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद के सभी रास्ते बंद होने चाहिए और आतंकवाद पर एक इंटरनेशनल सम्मेलन भी होना चाहिए. पीएम मोदी ने आज ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका) और जेएआई (जापान, अमरीका और भारत) के नेताओं की आगामी अनौपचारिक बैठक में भी हिस्सा लिया.
आर्थिक प्रगति और समाजिक स्थिरता पर बुरा असर डालता आतंकवाद- मोदी
आतंकवाद पर प्रहार करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ”आतंकवाद मानवता के लिए एक बड़ा और गंभीर खतरा है. यह न सिर्फ निर्दोष लोगों की जान लेता है, बल्कि यह आर्थिक प्रगति और समाजिक स्थिरता पर बुरा असर डालता है.” उन्होंने कहा कि हमें आतंकवाद और जातिवाद को समर्थन देने वालों के सभी रास्ते बंद करने होंगे.
अपनी टिप्पणी में पीएम मोदी ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) को मजबूत बनाने, संरक्षणवाद से लड़ने, ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने और साथ मिलकर आतंकवाद से लड़ने की जरूरत पर बल दिया.
उन्होंने कहा, ‘‘आज, मैं तीन प्रमुख चुनौतियों पर अपना ध्यान केंद्रित करूंगा. पहली है, वैश्विक अर्थव्यवस्था में अस्थिरता और गिरावट। नियम आधारित बहुपक्षीय वैश्विक व्यापार प्रणाली पर एकपक्षवाद और प्रतिस्पर्धात्मकता का प्रभाव है.’’ मोदी ने कहा, ‘‘संसाधनों की कमी, आधारभूत ढांचे में निवेश में लगभग 1.3 खरब अमेरिकी डॉलर के निवेश की कमी है.’’
पीएम मोदी ने कहा कि दूसरी है, विकास को सतत् और समावेशी बनाना. डिजिटलाइजेशन जैसी तेजी से बदलती तकनीकें और जलवायु परिवर्तन मौजूदा और आने वाली पीढ़ियों के लिये चुनौती पेश करती हैं. उन्होंने कहा कि विकास तभी सार्थक है जब यह असमानता घटाए और सशक्तिकरण में योगदान दे.