लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह , केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और स्मृति ईरानी जीत दर्ज कर निचले सदन में चले गए और उच्च सदन की जगहें खाली हो गई हैं.
आगामी पांच जुलाई को राज्यसभा में वोटिंग होगी. इसमें सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक वोटिंग की जाएगी. इसके बाद शाम बजे राज्यसभा को छह नये सांसद मिल जाएंगे. इनमें सबसे ज्यादा बीजेपी की खाते से खाली हुई तीन सीटों को लेकर हो रही है. असल में लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह अमित शाह , मंत्री रविशंकर प्रसाद और स्मृति ईरानी जीत दर्ज करने से राज्यसभा में बीजेपी की तीन सीटें खाली हो गईं, क्योंकि ये तीनों नेता लोकसभा चुनाव से पहले राज्यसभा में थे.
अब इन तीनों नेताओं की जगह पर बीजेपी किसे अपना उम्मीदवार बनाएगी, इसको लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हैं. इनमें सबसे ऊपर इन तीन नामों की चर्चा चल रही है, विदेश मंत्री एस जयशंकर, पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा और उपभोक्ता मामले व खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान के नाम हैं.
दरअसल, मोदी सरकार 2.0 ने पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया है और चुनाव में ना उतरने वाले रामविलास पासवान को भी मोदी कैबिनेट में जगह मिली है. ऐसे में आगामी छह महीनों में इन्हें किसी हालत में संसद की सदस्यता पानी होगी. इसके लिए आगामी पांच जुलाई को होने वाले चुनाव को सबसे उपयुक्त तरीका माना जा रहा है. लेकिन एक अन्य बेहद जरूरी माना जा रहा है.
वहीं उत्तर प्रदेश की बलिया से चुनाव हार जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री और दिग्गज बीजेपी नेता मनोज सिन्हा का नाम भी लिस्ट में आगे है. क्योंकि मनोज सिन्हा को एक पढ़ा-लिखा और मोदी टीम के विश्वस्त लोगों में से एक माने जाते हैं, लेकिन वे चुनाव नहीं जीत पाए थे. ऐसे में उन्हें फिर से सक्रिय भूमिका में लाने के लिए राज्यसभा भेजा जा सकता है.
इसमें बीजेपी को अतिरिक्त मेहनत करने की बिल्कुल भी आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि इन तीन सीटों में अमित शाह और स्मृति ईरानी की सीटें गुजरात से खाली हो रही हैं और बीजेपी गुजरात में बहुमत में है. इसी तरह रविशंकर प्रसाद की सीट बिहार से खाली हो रही है, बिहार में भी बीजेपी और जेडीयू के नेतृत्व वाला एनडीए बहुमत में है. चूंकि राज्यसभा चुनाव में राज्यों के विधायक व एमएलसी ही प्रमुख भूमिका अदा करते हैं. ऐसे में बीजेपी के तीनों उम्मीदवारों के जीतने के भी कयास लगाए जा रहे हैं. लेकिन इसके इतर एक बीजेपी की एक अन्य तरकीब की चर्चा की जा रही है.
दरअसल, बीजेपी की ओर खाली हो रही तीन सीटों पर जयशंकर, पासवान व सिन्हा के नामों की चर्चा होने के अलावा एक जानकारी यह भी छन-छन कर आ रही है कि बीजेपी पांच जुलाई वाले चुनाव में एस जयशंकर को राज्ससभा के लिए नहीं उतारेगी. क्योंकि जुलाई महीने में तमिलनाडु में द्रमुक नेता कनिमोझी की सीट समेत कुल छह सीटें खाली होंगी. क्योंकि कनिमोझी ने लोकसभा चुनाव जीत लिया था और पांच अन्य तमिलनाडु के सांसदों का राज्यसभा कार्यकाल समाप्त हो रहा है. ऐसे में राज्यसभा में अपना नंबर बढ़ाने के लिए बीजेपी एस जयशंकर को तमिलनाडु से उतार सकती है. क्योंकि जयशंकर का यह गृहराज्य है और तमिलनाडु में फिलहाल बीजेपी व अन्नाद्रमुक की गठबंधन वाली ही सरकार है.
ऐसे में अगर बीजेपी को एस जयशंकर को गुजरात से उम्मीदवार नहीं बनाती तो इसके बाद राज्यसभा के लिए सबसे आगे नाम सदन में अपनी तुकबंदी वाली कविताओं के लिए मशहूर रामदास अठावले का नाम सबसे आगे हो जाता है. क्योंकि मोदी कैबिनेट में उन्हें जगह दी गई है जबकि वे अभी किसी सदन के सदस्य नहीं हैं.
बहरहाल, आगामी पांच जुलाई को होने जा रहे चुनावों का बिगुल बज गया है. इसमें 18 जून को अधिसूचना जारी होगी. नामांकन की अंतिम तारीख 25 जून है, 26 जून को नामांकन पत्रों की जांच होगी और नाम वापसी की अंतिम तारीख 28 जून होगी. इसके बाद पांच जून को ही मतदान और रिजल्ट दोनों होंगे. यह चुनाव छह सीटों के बाबत होंगे.
बीजेपी की तीन सीटों के अलावा ओडिशा से बीजद के अच्युतानंद सामांत लोकसभा चुनाव जीतने, ओडिशा से ही राज्यसभा सदस्य प्रताप केशरी देब के विधानसभा सदस्य चुने जाने और सौम्य रंजन पटनायक के इस्तीफे से तीन अन्य सीटें खाली हुई हैं. ये तीनों ही ओडिशा की हैं. वहां अभी बीजेडी मजबूत स्थिति में है. इसलिए माना जा रहा है कि इन तीनों पर बीजेडी फिर से अपने सदस्य चुनवाने में सफल होगी.