आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने कहा कि आपदा के क्षेत्र में सेवाभाव से कार्य करना है। उन्होंने कहा कि आपदा पीड़ितों को सहायता पहुंचाकर और उनकी जान बचाकर परोपकार करना है। मंत्री ने ये बातें बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं यूनिसेफ के सहयोग से ‘‘बाढ़ सुरक्षा सप्ताह( 1-7 जून) के आखिरी दिन ‘‘बाढ़ पूर्व तैयारियों के लिए सामाजिक क्षेत्र की सेवाओं से संबंधित विभागों के साथ एक दिवसीय कार्यशाला‘‘ में कही। कार्यशाला में सामाजिक क्षेत्र की सेवाओं से संबंधित विभागों स्वास्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पशुपालन विभाग, पंचायती राज विभाग एवं अति बाढ़ प्रवण 15 जिलों के आपदा प्रबंधन प्रभारियों के साथ बाढ़ पूर्व तैयारियों पर विचार मंथन किया गया। कार्यशाला में पिछले वर्ष बाढ़ सुरक्षा के लिए निर्धारित कार्य योजना के आधार पर विभागवार समीक्षा की गयी, जिसमें विभागों के नोडल पदाधिकारियों ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से किये गये कायरे को बताया तथा आने वाले मानसून के पहले की जाने वाली तैयारियों का विवरण भी दिया। यूनिसेफ के बंकु कुमार ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि सामाजिक क्षेत्र की सेवाओं का बाढ़ से बहुत नुकसान होता है । उनमें 79 प्रतिशत विद्यालय बंद हो जाते हैं और 19 प्रतिशत शौचालय क्षतिग्रस्त हो जाते है तथा 45 प्रतिशत विद्यालय लगातार तीन सप्ताह तक बंद रहते। उन्होंने कहा कि 34 प्रतिशत विद्यालयों में राहत केन्द्र स्थापित किया जाता है और 37 प्रतिशत आंगनबाड़ी केन्द्र बंद हो जाते हैं । 61 प्रतिशत चापाकल प्रभावित होते हैं और जिस तरह की आवश्यक सेवाएं आपदा में प्रभावित होती है उनकी रिकवरी नहीं हो पाती है। बिहार में बड़े पैमाने पर भूकम्प जैसी आपदा से बचाव के लिए बड़े पैमाने पर अभियंताओं, वास्तुविदों एवं राजमिस्त्रियों का प्रशिक्षण किया जा रहा है जो कि अपने आप में बहुत बड़ा कार्य है। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व्यास जी ने कहा कि आपदाओं में सर्वाधिक संवेदनशील समूहों में बच्चे एवं महिलाएं आते हैं। बाढ़ के दौरान इन बच्चों की पढ़ाई बंद हो जाती है।, स्वास्य सेवाएं प्रभावित हो जाती हैं, बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं। इसलिए आवश्यक है कि विभिन्न सामाजिक सेवाओं को सुदृढ़ बनाने की कोशिश करेंगे तभी हम आपदाओं से सुरक्षित बिहार बना पायेंगे। इस मौके पर डॉ. डी के गुप्ता, समाज कल्याण विभाग की सहायक निदेशिक पूनम सिन्हा सहित विभिन्न विभागों के राज्यस्तरीय नोडल पदाधिकारी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
कार्यशाला का उद्घाटन करते मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ।
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