ज्ञान भवन में आयोजित ‘‘विश्व पर्यावरण दिवस समारोह’ की अध्यक्षता करते हुए अपने सम्बोधन में कहा कि वायु प्रदूषण पर नियंतण्रपाने के लिए हम सबको मिलकर काम करने की आवश्यकता है। डीजल में किरासन तेल मिला देने से प्रदूषण का संकट और ज्यादा बढ़ जाता है। किरासन तेल की उपलब्धता धीरे-धीरे कम की जा रही है क्योंकि अब खाना बनाने या बत्ती जलाने में इसकी आवश्यकता नहीं के बराबर है। हरियाली मिशन के तहत मिशन मोड में काम करते हुए करीब 23 करोड़ पौधे लगाये गये, जिसका परिणाम हुआ कि वर्ष 2015 तक बिहार का ग्रीन कवर 15 प्रतिशत पर पहुंच गया।यह बातें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में कही। उन्होंने कहा कि आज विश्व पर्यावरण दिवस है और आज ही के दिन ईद के साथ-साथ सम्पूर्ण क्रांति दिवस भी है। पर्यावरण संरक्षण को लेकर हम लोगों की चिंता रही है लेकिन स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण को लेकर बापू ने काफी पहले ही चिंता प्रकट की थी। बापू हमेशा कहा करते थे कि यह पृवी हमारी जरूरतों को पूरा कर सकती है, लालच को नहीं। लोहिया जी ने स्वच्छता और शौचालय निर्माण पर 50 के दशक में ही काफी जोर दिया था।
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि वायु की गुणवत्ता को नियंत्रित करनेके लिए बैट्री चालित वाहनों पर 50 प्रतिशत कम टैक्स लगेगा। बैट्री चालित वाहनों के लिए रिचार्ज स्टेशन की स्थापना, 501 पेट्रोल पम्प और वाहनों के सर्विस सेन्टर पर प्रदूषण जांच केन्द्र स्थापित करने के निर्णय के साथ ही इलेक्ट्रिक बसों के परिचालन की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। पटना के 45 प्रदूषण जांच केन्द्रों को ऑनलाइन प्रमाणपत्र निर्गत करने के लिए अधिकृत किया गया है।श्री मोदी ने कहा कि अनवरत परिवेशीय वायु की गुणवत्ता की जांच के लिए मॉनिटरिंग सेंटर की संख्या बढ़ाई जा रही है। बिल्डिंग मैटेरियल्स और कचरा को ढंक कर रखने के निर्देश का सख्ती से पालन के साथ सड़कों के बीच में बने फ्लैंक के पक्कीकरण का काम पटना में शुरू हो गया है। स्वच्छतर तकनीक अपनाने वाले ईंट भट्ठों को ही संचालन की अनुमति दी जायेगी। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में दुनिया के 20 प्रदूषित शहरों में भारत के 13 और उनमें बिहार के तीन पटना, गया और मुजफ्फरपुर को शामिल किया गया है। डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों को बिहार सरकार की ओर से चुनौती दी गयी है,इसके बावजूद वायु प्रदूषण एक गंभीर चुनौती है। गंगा किनारे के शहरों जिसमें पटना भी है की हवा में पीएम 2 प्वाइंट 5 यानी 1 एमएम धूलकण का 400 वां हिस्सा जो मानव स्वास्य के लिए हानिकारक है, वाकई चिंता की बात है। हवा में धूलकण बढ़ने के कई कारणों में वाहनों का उत्सर्जन, सड़क किनारे और बिल्डिंग मैटेरियल आदि से उड़ने वाले धूलकण प्रमुख हैं। औद्योगिक उत्सर्जन और कृषि अवशिष्ट को जलाने से भी वायु प्रदूषित हो रहा है। मगर किसी को भी भयभीत होने की जरूरत नहीं है, सरकार के 7-8 विभागों की ओर से समेकित एक्शन प्लान तैयार किया गया है। सरकार पूरी तरह से जागरूक और सचेत है।