पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने 23 मई को आम चुनावों का परिणाम आने के बाद 24 और 25 मई को भोजन नहीं किया। हालांकि चिकित्सकों के समझाने के बाद से रविवार से वह पुन: सामान्य भोजन ले रहे हैं। न्यायिक हिरासत में यहां रिम्स में भर्ती लालू प्रसाद के चिकित्सकों की टीम के प्रमुख डॉ. उमेश प्रसाद ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 24 और 25 मई को लालू ने मध्याह्न में भोजन नहीं लिया, लेकिन उन्हें जब समझाया गया कि दवाइयां लेने के लिए भोजन आवश्यक है, तो वह रविवार से सामान्य भोजन ले रहे हैं। लालू को अपने वार्ड में अत्यधिक बेचैन देखा गया। उन्हें नींद भी नहीं आ रही थी। चिकित्सकों के अनुसार, अब सब कुछ सामान्य है। वह अपना भोजन और दवा ले रहे हैं। स्वास्य भी ठीक है। लालू प्रसाद 23 दिसम्बर, 2017 से चारा घोटाले के तीन मामलों में 14 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा पाने के बाद से यहां बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं। उनकी जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट तक से खारिज हो चुकी है। इससे पूर्व वर्ष 2013 में चारा घोटाले के एक मामले में भी उन्हें सजा हो चुकी है, लेकिन उक्त मामले में उन्हें बाद में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गयी थी। लालू की पार्टी राजद को इस बार के आम चुनावों में एक भी सीट नहीं मिली है। उसका ना सिर्फ झारखंड में सूपड़ा साफ हो गया, बल्कि बिहार में भी उसकी बहुत बुरी स्थिति रही। बिहार में लालू की पार्टी के महागठबंधन को 40 में से सिर्फ एक सीट मिली। वह सीट भी कांग्रेस ने जीती। झारखंड में लालू के महागठबंधन को सिर्फ दो सीटें मिलीं, जिनमें से राजमहल की सीट झारखंड मुक्ति मोर्चा और सिंहभूम की सीट कांग्रेस के खाते में गयी। हाल के वर्षो में ऐसा पहली बार हुआ है जब लोकसभा में लालू की पार्टी से कोई भी सांसद नहीं होगा। चुनावों से ठीक पहले झारखंड में लालू की पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष रहीं अन्नपूर्णा सिंह यादव ने भाजपा में शामिल होने का फैसला किया और उन्होंने बीजेपी के टिकट पर कोडरमा से चुनाव लड़कर बड़ी जीत दर्ज की।
मांझी की पार्टी को महिलओं से माफी मांगनी चाहिए
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