लोकसभा चुनाव में शून्य पर आउट होने के बाद गायघाट से राजद विधायक महेश्वर यादव ने बगावती तेवर दिखाते हुए विधान सभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर सवाल खड़े करते हुए उनसे इस्तीफे की मांग की है। श्री यादव ने सोमवार को कहा कि यदि तेजस्वी यादव प्रतिपक्ष के नेता पद से इस्तीफा नहीं करते हैं तो पार्टी जल्द ही टूट जायेगी। पार्टी के कई सारे विधायक नाराज हैं, जो उनके संपर्क में हैं। जरूरत पड़ी तो उन सभी विधायकों को मिलाकर अलग गुट तैयार किया जायेगा। उन्होंने पार्टी की कमान किसी वरिष्ठ नेता को सौंपने की वकालत करते हुए कहा कि पार्टी का पदाधिकारी किसी वरिष्ठ नेता को ध्यान में रखकर ही बनाया जाना चाहिए। इस चुनाव में देश और बिहार की जनता ने परिवारवाद को पूरी तरह से नकार दिया है। महेश्वर यादव ने कहा कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में तेजस्वी यादव बिहार में फेल हो चुके हैं। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि कल नेता प्रतिपक्ष की ओर से आयोजित बैठक में वह भाग नहीं लेंगे। राजद की स्थापना के बाद पहली बार बिहार में पार्टी का लोकसभा चुनाव में खाता तक नहीं खुला है। यह भी पहली बार है कि जब राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की अनुपस्थिति में पार्टी कोई चुनाव लड़ी है। राजद सुप्रीमो की अनुपस्थिति में तेजस्वी की यह पहली परीक्षा थी, जिसमें वह कामयाब नहीं हो पाये।
राजद विधायक तेजप्रताप यादव ने सोमवार को आयोजित अपना जनता दरबार स्थगित कर दिया। जारी सूचना में बताया गया कि अपरिहार्य कारणों से पूर्व स्वास्य मंत्री तेज प्रताप यादव का जनता दरबार कुछ दिनों के लिए स्थगित किया जाता है। इससे पहले तेजप्रताप ने शनिवार को लोगों को जनता दरबार लगाने की सूचना देते हुए कहा था कि वह 27 मई से राजद कार्यालय में जनता दरबार लगाएंगे और लोगों की समस्याओं को सुनेंगे। बताया जा रहा था कि तेजप्रताप इस दौरान कार्यकर्ताओं से मिलकर लोकसभा चुनाव में हुए हार की समीक्षा भी करेंगे। लेकिन उन्होंने अचानक जनता दरबार को कैंसल कर दिया।