राज्य में चुनावी संग्राम चरम पर पहुंच चुका है। छठवां चरण आते-आते संघर्ष को नये आयाम में देखने की जरूरत पर गठबंधन दलों के रणनीतिकार भिड़ गये हैं। वैसे देखें तो छठवां चरण राजग के लिए सुकून भरा है। इस चरण की आठों लोकसभा क्षेत्रों पर राजग का कब्जा है। भाजपा ने सात तथा लोजपा ने एक लोकसभा क्षेत्र में अपने प्रतिद्वंद्वी दल पर विजय प्राप्त की थी।वैसे इस चरण में महागठबंधन के पास खोने के लिए एक सीट भी नहीं पर आठों लोकसभा क्षेत्रों में महागठबंधन कोई नई चुनौती पेश करते अपने लिए भी कोई जगह तलाश ले तो इस संभावना से इंकार भी नहीं किया जा सकता है। वर्ष 2014 लोकसभा के परिणाम के आधार पर पूर्वी चंपारण (मोतिहारी), पश्चिमी चंपारण, वाल्मीकिनगर, शिवहर, सीवान, महाराजगंज व गोपालगंज से भाजपा तथा वैशाली से लोजपा के हाथों से जीत छीनने के समीकरण पर महागठबंधन के रणनीतिकार जुटे हुए हैं। इस चरण की सबसे चर्चित सीट पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) से केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। वर्ष 2014 में भाजपा नेता राधामोहन सिंह ने राजद के प्रत्याशी विनोद श्रीवास्तव को लगभग 192163 मतों से हराया था। इसके पहले भी श्री सिंह ने वर्ष 1989, 1996, 1999, 2009 के लोकसभा चुनाव में भी जीत दर्ज की थी। वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने एक बार फिर केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह पर भरोसा जताया है। इनका मुकावला इस बार राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के उम्मीदवार आकाश सिंह से है। महागठबंधन के रणनीतिकार यहां नयी सोशल इंजीनियरिंग के साथ भाजपा को चुनौती देकर अप्रत्याशित परिणाम की उम्मीद लगाये बैठे हैं।पश्चिमी चंपारण लोकसभा सीट भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुकी है। वर्ष 2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार डॉ. संजय जायसवाल ने जदयू के उम्मीदवार प्रकाश झा को 110254 मतों से हराया था। इस बार भी भाजपा ने इस क्षेत्र से अपने अनुभवी उम्मीदवार को चुनावी जंग में उतारा है। वर्ष 2019 के चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार डॉ. संजय जायसवाल एक बार फिर महागठबंधन के उम्मीदवार को चुनौती दे रहे हैं। लेकिन इस बार महागठबंधन ने रणनीति बदल कर यहां से रालोसपा के ब्रजेश कुशवाहा को टिकट देकर हार को जीत में बदलने की चुनौती दी है। वाल्मीकिनगर से वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के सतीशचंद्र दूबे ने कांग्रेस के पूर्णमासी राम को 117793 मतों से परास्त किया था। इस बार भाजपा ने यह सीट राजग गठबंधन दल में शामिल जनता दल यू को दे दी है। जनता दल यू ने यहां से वर्ष 2009 के सांसद रहे बैद्यनाथ महतो को चुनावी जंग में उतारा है। जबकि कांग्रेस ने राजग के जबड़े से जीत छीनने के लिए इस बार सवर्ण उम्मीदवार शाश्वत केदार को चुनावी जंग में उतारा है। जीत के बदले समीकरण का हाल यह है कि राजग ने भी इस बार सीटिंग सांसद भाजपा के सतीश चंद्र दूबे को बिठा कर जदयू के सांसद रहे वैद्यनाथ महतो को चुनावी जंग में उतारा है। शिवहर लोकसभा से भाजपा ने एक बार फिर रमा देवी को मौका दिया है। गत चुनाव में भाजपा की रमा देवी ने राजद के अनवारुल हक को 136239 मतों से परास्त किया था। महागठबंधन ने यहां से रमा देवी को हार का स्वाद चखाने को उम्मीदवार बदल कर चुनौती दी है। इस बार महागठबंदन की ओर से यह चुनौती राजद के सैयद फैसल अली ने दी है। राजद उम्मीदवार बदल कर जीत का स्वाद चखने की जुगत में जुटा है। सीवान लोकसभा से भाजपा ने जीत को बरकरार रखने का मौका जदयू को दिया है। राजग में शामिल जनता दल यू ने यहां से कविता सिंह को चुनाव में उतारा है। उधर महागठबंधन ने एक बार फिर हार को जीत में बदलने का मौका राजद की उम्म्मीदवार हीना शहाब को दिया है। गत चुनाव में हालांकि हीना शहाब को भाजपा के उम्मीदवार ओमप्रकाश यादव से हार का सामना करना पड़ा था। महाराजगंज लोकसभा से भाजपा ने एक बार फिर अपने सांसद जनार्दन सिग्रीवाल पर भरोसा किया है। गत चुनाव में श्री सिग्रीवाल ने राजद के प्रभुनाथ सिंह को 38415 मतों से पराजित किया है। इस बार राजद ने जीत हासिल करने की जिम्मेदारी प्रभुनाथ सिंह के पुत्र रंधीर सिंह को दी है। गोपालगंज लोकसभा से भाजपा ने अपने सीटिंग सांसद को चुनाव से मुक्त रखा है। यहां से भाजपा की जीत को बरकारार रखने की जिम्मेदारी राजग के रणनीतिकारों ने जदयू के डॉ. आलोक सुमन को सौंपी है जबकि भाजपा की उस जीत को हार में बदलने के लिए राजद ने उम्मीदवार बदल कर चुनौती दी है। यहां से राजद ने सुरेन्द्र राम उर्फ महंत को उतारा है। वैशाली लोकसभा पर जीत बरकरार रखने की जिम्मेवारी राजग ने एक बार फिर लोजपा को सौंपी है। यहां से लोजपा ने उम्मीदवार बदल कर महागठबंधन को चुनौती दी है। लोजपा ने यहां से वीणा देवी को उतारा है। जबकि महागठबंधन की ओर से अनुभवी उम्मीदवार रघुवंश प्रसाद सिंह को उतारा है।
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