मीनाक्षी लेखी की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को नोटिस जारी किया है. इससे पहले कोर्ट ने राहुल गांधी से उनके बयान (कोर्ट ने चौकीदार को चोर कहा है) पर सफाई मांगी थी. राहुल ने अपने जवाब में बयान पर खेद जताते हुए कहा था कि चुनाव के गर्म माहौल में उन्होंने ग़लती से ये बयान दे दे दिया था.
आज कोर्ट में क्या हुआ
सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी करने से पहले मीनाक्षी लेखी की ओर से पेश वकील मुकुल रोहतगी और राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलों को सुना. पहले मुकुल रोहतगी ने राहुल के जवाब की जानकारी कोर्ट को दी। रोहतगी ने कहा कि राहुल ने जवाब में माना है कि उन्होनें सुप्रीम कोर्ट के आदेश को नहीं पढ़ा था, और अति उत्साह में आकर ये बयान दे दिया। रोहतगी ने कहा कि इसके बावजूद राहुल ने सीधे सीधे कोर्ट से माफ़ी नही मांगी.
सिर्फ जवाब के आखिरी हिस्से में एक लाइन में ब्रेकिट में खेद लिखकर दिखावा किया है। चीफ जस्टिस ने पूछा कि चौकीदार कौन है, इस पर मुकुल रोहतगी ने कहा कि राहुल गांधी से पूछिए ,राहुल अमेठी से लेकर वायनाड तक ये कहते घूम रहे है कि चौकीदार चोर है और चौकीदार पीएम नरेंद्र मोदी है. रोहतगी ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट के हवाले से कोई बात कही जाती है तो लोग उस पर यक़ीन करते है। क्या ये तरीका है, कि राष्ट्रीय दल का नेता कोर्ट को इस हल्के में लेता है.
राहुल गांधी के वकील की दलील
राहुल गांधी की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि चौकीदार से जुड़े बयान बयान पिछले 18 महीने से राजनीति में इस्तेमाल हो रहा है. सिंघवी ने साफ किया कि राहुल गांधी ने सिर्फ इस बात के लिए खेद जताया है कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का नाम लेकर ये बयान दिया है. बाक़ी, ‘चौकीदार चोर है’ के बयान पर वो और कांग्रेस पार्टी अभी भी कायम है. सिंघवी ने कहा कि राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बीजेपी नेताओं ने सरकार की क्लीन चिट के रूप में प्रचारित किया, जबकि ऐसा असल में नहीं हुआ था
जब राहुल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कोर्ट ने उनसे सिर्फ स्पष्टीकरण मांगा था जो कि उन्होंने दिया है. कोर्ट ने उन्हे नोटिस नही जारी किया है. तो चीफ जस्टिस ने कहा कि तो अब हम नोटिस जारी कर देते है. हालांकि सिंघवी ने ये साफ करने की कोशिश की कि उनका ये कहने का मतलब नहीं था, लेकिन कोर्ट ने नोटिस जारी कर दिया. अगले मंगलवार को राफेल डील को लेकर दायर पुर्नविचार याचिका के साथ हो सुप्रीम कोर्ट इस पर सुनवाई करेगा.
राहुल गांधी को अवमानना नोटिस पर एक नाटकीय मोड़ के तहत वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने मंगलवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा आपराधिक अवमानना के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को नोटिस जारी किए जाने के कारण उन्हें व्यक्तिगत तौर पर अदालत में पेश होना होगा, और अपनी उस टिप्पणी पर सफाई देनी होगी, जो उन्होंने राफेल मामले में अदालत का हवाला देते हुए की थी.
बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी की ओर से पेश रोहतगी ने कहा कि राहुल गांधी को व्यक्तिगत तौर पर अदालत के समक्ष पेश होना होगा. मीनाक्षी लेखी ने राहुल के खिलाफ आपराधिक अवमानना याचिका दाखिल की है.
शीर्ष न्यायालय द्वारा राहुल गांधी को नोटिस जारी किए जाने के बाद रोहतगी ने संवाददाताओं से कहा, “उन्हें व्यक्तिगत तौर पर पेश होना होगा और आपराधिक अवमानना याचिका में उल्लिखित बिंदुओं पर स्पष्टीकरण देना होगा.”
राहुल गांधी ने राफेल मामले में अदालत के फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अदालत के हवाले से ‘चौकीदार चोर है’ की टिप्पणी की थी, जिसके लिए उन्हें आपराधिक अवमानना का नोटिस जारी किया गया था. अदालत ने कहा है कि राहुल ने गलत तरीके से अदालत के साथ जोड़ कर यह टिप्पणी की.