पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि जलवायु परिवर्तन का व्यापक असर बिहार पर पड़ेगा। अभी ही राज्य के सौ से ज्यादा प्रखंडों में भू जल स्तर नीचे चला गया है। औसत बारिश में कमी आयी है जिसका असर सीधे खेती पर पड़ रहा है। जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को आमलोगों को बताने की जरूरत है। जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के लिए एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है। विभाग में जलवायु परिवर्तन को लेकर अलग कोषांग गठित किया जायेगा।प्रधान सचिव बृहस्पतिवार को जलवायु परिवर्तन पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विश्व स्तर पर जलवायु परिवर्तन को लेकर जोरदार बहस चल रही है। इसके बावजूद सफलता नहीं मिल रही है। हम अपने लालच को कम नहीं कर पाते हैं। जंगल और सड़क के किनारे पेड़ काटे जा रहे हैं। इसका सीधा असर प्रकृति पर पड़ता है। गंगा के उत्तर में भी जल संकट गहराने लगा है। बिहार राज्य प्रदूषण नियंतण्रबोर्ड के अध्यक्ष डॉ. एके घोष ने कहा कि पिछले सौ वर्षो में पृवी के तापमान में .40 डिग्री की वृद्धि हुई थी तो 2030 तक पृवी के तापमान में दो डिग्री वृद्धि की संभावना है। पृवी का तापमान बढ़ने का जलस्त्रोत और खेती पर असर पड़ेगा। समय के साथ गंगा के स्वरूप में भी बदलाव आया है। कश्मीर में पहले कभी बाढ़ नहीं आती थी, लेकिन जलवायु पर्विन के कारण अब यहां भी बाढ़ आने लगी है। अब सबसे ज्यादा बारिश चेरापुंजी में नहीं होती। जलवायु परिवर्तन का सबसे ज्यादा असर मानसून पर पड़ेगा। बारिश में कमी होगी और कृषि प्रभावित होगी। इससे संकट भी बढ़ेंगे। क्योंकि 60 फीसद आबादी कृषि पर ही निर्भर है।मुख्य वन संरक्षक देवेंद्र कुमार शुक्ला ने कहा कि 2014 में 193 देशों ने जलवायु परिवर्तन से आर्थिक एवं आमाजिक स्तर पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन कराया है। 18 मार्च को आयी इसकी रिपोर्ट में कहा गया है कि तेज आर्थिक विकास का असर जलवायु परिवर्तन पर पड़ रहा है। पटना जैसे शहरों के हवा में पीएम 2.5 का ज्यादा असर दिख रहा है। इससे कई प्रकार की बीमारियां होंगी। इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण फसलें बर्बाद हो रही है, लेकिन किसानों को बीमा का लाभ नहीं मिल रहा है। अधिक कार्बन डाइक्साइट पैदा करने वालों से टैक्स लेने की व्यवस्था होनी चाहिये। एक्शन प्लान में पीएम 2.5 से बचने के उपाय किये जायेंगे। तकनीकि सत्र को आईएफएस डॉ. सत्येंद्र, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के यूके मिश्रा, यूनीसेफ के घनश्याम मिश्र, राजेश्वर, पंकज कुमार, डॉ. सुमना भट्टाचार्य, परूथा वेज आदि ने संबोधित किया।
राज्यसभा चुनाव में एनडीए को 8 सीटों का नुकसान, यूपीए को 3 सीटों पर होगा फायदा!
राज्यसभा की 59 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, जिसमें से 57 सीट पर 10 जून को और दो सीटों...