जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर (पीके) का कहना है कि उनके लिए पार्टी हित सवरेपरि है। उन्होंने कहा कि वह जदयू के निरंतर तरक्की के लिए काम कर रहे हैं। हमारेबयान को गलत तरीके से समझा गया।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी टीम के ‘‘चाणक्य’ माने जाने वाले श्री किशोर का कहना है कि हम काम में विास करते हैं और परिणाम देते हैं। उन्होंने बातचीत में कहा कि कुछ लोग मेरे बयान को तोड़ मरोड़कर सामने रख रहे हैं। हमने पार्टी के साथ युवाओं को जोड़ने का प्रयास किया है। मेरा पूरा मकसद है कि प्रदेश के युवा जदयू से जुड़ें। हम किसी अभियान में केवल मदद करते हैं। ज्ञात हो कि पिछले महीनों में प्रशांत किशोर के चुनावी प्रबंधन की र्चचा राजनीतिक गलियारे में बढ़ चढ़कर हुई। भाजपा के साथ फीप्टी-फीफ्टी सीट बंटवारे का मामला हो या पटना विविद्यालय के ताजा छात्रसंघ का चुनाव, सभी मामलों में एनके-पीके (नीतीश कुमार-प्रशांत किशोर) की रणनीति ने पूरे देश में कुशल राजनीतिक प्रबंधन का लोहा मनवाया। पिछले कई राजनीतिक ‘‘बाजी’ की यहां र्चचा न करें तो ताजा घटना में पटना विविद्यालय छात्रसंघ का चुनाव ही बहुत हद तक नीतीश-पीके के जादुई प्रबंधन का बयां कर देते हैं। खासकर इस चुनाव में पीके की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई थी। छात्रसंघ के चुनाव में जदयू की हार पीके के ग्राफ को अवश्य प्रभावित कर सकता था, किंतु छात्रसंघ के शीर्ष अध्यक्ष पद पर छात्र जदयू की जीत ने पीके की प्रतिष्ठा बचा ली है। प्रशांत का लगातार युवाओं से संपर्क काम आया।
जाति जनगणना पर शीघ्र शुरू होगा कामः नीतीश
राज्य में जाति आधारित जनगणना पर काम शुरू होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। यह बात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने...