लोकसभा के चुनावी संग्राम के दरवाजे दस्तक देते जिस तरह से सत्तासीन राजग निश्चिन्त भाववोध से लिप्त है उस बरक्स विपक्षी दलों के महागठबंधन खेमे में मायूसी छाई हुई है। महागठबंधन के घटक दल वर्तमान हालात में संकल्प रैली को लेकर सवाल उठाने तक की सुधबुध खो चुके हैं। हो सकता है इसकी कई वजहे हों मगर धरातल पर जो एक वजह दिखाई दे रही है वह सीधे कहीं-न-कहीं सीटों कींिहस्सेदारी से जाकर जुड़ रही है। महागठबंधन के लगभग घटक दल एक तरह से महागठबंधन से जुड़ने को अपनी कुर्बानी से जोड़ कर अधिक से अधिक लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का दबाव बना रहे हैं। बेचैनी इसलिए भी कि राजग ने सीटों की हिस्सेदारी का मामला बहुत पहले ही सुलझा लिया है। इस समझौते के तहत भाजपा,जदयू व लोजपा क्रमश: 17,17 व 6 लोकसभा सीटों पर खम ठोकेंगी। हालांकि राजग के भीतर चिह्नित सीटों पर पेंच अभी भी फंसा है। मगर राजग नेतृत्व ने रैली के बाद मिल-बैठकर इस मसले सुलझा लेने का निर्णय लिया है। महागठबंधन में राजद के बाद सबसे बड़े दल की भूमिका में कांग्रेस है। कांग्रेस ने इशारों में 12 सीटों पर लड़ने की बात भी कह दी है। कमोबेश कांग्रेस इस बात के करीब भी पहुंच चुकी है कहां से किस उम्मीदवार को खड़ा किया जाना है। सूत्र बताते हैं कि यही वजह है कि कांग्रेस ने दबाव को बरकरार रखते अपनी पसंद वाली लोकसभा सीटों की सूची अपने आलाकमान व राजद सुप्रीमो को सौंप भी दी है। उन सीटों में सासाराम, औरंगाबाद, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, सुपौल, समस्तीपुर, दरभंगा, पटना साहिब, शिवहर, मुंगेर व नालंदा लोकसभा सीटों को शामिल कर राजद की परेशानी बढ़ा दी है। हाल ही में शामिल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने भी छह सीटों की दावेदारी की थी। रालोसपा नेतृत्व ने सीतामढ़ी, काराकाट, जहानाबाद, बाल्मिीकिनगर,आरा व मोतिहारी लोकसभा को लेकर चुनाव लड़ने की इच्छा जता दी है। हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (से) ने भी गया, औरंगाबाद, नवादा, महाराजगंज, नालंदा व जमुई लोकसभा पर अपना दावा ठोका है। विकासशील इंसान पार्टी ने भी पांच लोकसभा सीटों पर अपना दावा ठोंका है। इनका दावा मुजफ्फरपुर, खगड़िया, समस्तीपुर, दरभंगा व बेतिया लोकसभा सीटों पर है। शरद यादव के नेतृत्व में बने लोकतांत्रिक जनता दल ने भी तीन लोकसभा सीटों पर अपना दावा ठोंका है। श्री यादव मधेपुरा,जमुई व हाजीपुर से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। महागठबंधन दल के घटक दलों के द्वारा मांगी गयी लोकसभा सीटों का आकलन कर लें तो राजद केंिहस्से में महज आठ लोकसभा सीटें ही आ पायेंगी। यह स्थिति तब है जब राजद सुप्रीमो लालू यादव महागठबंधन में वाम दलों के साथ समाजवादी पार्टी को भी सहज स्थिति में रखना चाह रहे हैं। ऐसे में महागठबंधन में सीटों की हिस्सेदारी का मसला सुलझाना आसान नहीं होगा।
राज्यसभा चुनाव में एनडीए को 8 सीटों का नुकसान, यूपीए को 3 सीटों पर होगा फायदा!
राज्यसभा की 59 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, जिसमें से 57 सीट पर 10 जून को और दो सीटों...