राज्य के मदरसा शिक्षकों को भी नियोजित शिक्षकों की तरह सातवें वेतनमान का लाभ प्रदान किया जाएगा। इसकी प्रक्रिया अंतिम चरण में है। जल्द ही राज्य सरकार इस पर निर्णय लेगी। यह बातें राजधानी के एक होटल में आयोजित प्रेस कान्ॅफ्रेंस में बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष अब्दुल क्यूम अंसारी ने कहीं। उन्होंने कहा कि एक फरवरी 2019 को आहूत बोर्ड की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। इस मौके पर बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदारनाथ पांडेय, विधान परिषद् सदस्य तनवीर हसन समेत कई गणमान्य लोग मौजूद थे। बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि मदरसों के शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को ईपीएफ पेंशन स्कीम की सुविधा दी जायेगी। तीन महीने के अंदर पूर्ण रूप से इस स्कीम को मदरसों में लागू कर दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों को दिए गए अधिकार (सीडब्लूजेसी 8576/2003, 27 नवम्बर 2006) के आलोक में कमेटी गठन करने और मदरसों के संचालन का अधिकार प्रबंधकीय समिति को प्राप्त होगा। बोर्ड द्वारा किसी तरह का कोई हस्तक्षेप नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि हर हाल में तीन महीने के अंदर तमाम मदरसों को सोसाइटी का गठन कर उसे निबंधित कराकर उसकी कॉपी मदरसा बोर्ड को उपलब्ध कराने को कहा गया है। मदरसों में शैक्षणिक वातावरण को बेहतर बनाने के लिए एकेडमिक कैलेंडर भी जारी किया गया। मदरसों की परीक्षा व्यवस्था को अगले सत्र से ऑनलाइन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मदरसों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को भी एमडीएम, पोशाक, स्कॉलरशिप, साइकिल आदि की सुविधाएं मिलेंगी। साथ ही फौकानिया परीक्षा में प्रथम स्थान पाने वाले छात्रों को दस हजार रपए और मौलवी परीक्षा में प्रथम स्थान पाने वाली छात्राओं को 15 हजार रपए दिए जाने का फैसला लिया गया है।
जाति जनगणना पर शीघ्र शुरू होगा कामः नीतीश
राज्य में जाति आधारित जनगणना पर काम शुरू होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। यह बात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने...