ऑपरेशन सिंदूर का मकसद और पाकिस्तान का असल चेहरा दुनिया को बताने के लिए देश के 59 सांसदों को 33 देश भेजा जा रहा है। 59 सांसद 7 सर्वदलीय टीमों (डेलिगेशन) में बंटे हैं।
आज दो डेलिगेशन रवाना होंगे, जिनमें कुल 17 सांसद हैं। JDU सांसद संजय झा की अगुआई वाला पहला डेलिगेशन विदेश रवाना हो गया है, जबकि शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व वाला डेलिगेशन रात 9 बजे जाएगा।
7 टीमों के साथ 8 पूर्व राजनयिक भी रहेंगे। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने मंगलवार को सांसदों को इस पहल के बारे में ब्रीफिंग दी। सूत्रों के मुताबिक, इसमें ऑपरेशन सिंदूर का बैकग्राउंड और डिप्लोमैटिक एवं सैन्य कार्रवाई के पांच बड़े संदेश इन 33 देशों तक पहुंचाने पर जोर दिया।
भारत की सेनाओं की ओर से पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद अब कूटनीतिक ऑपरेशन भी शुरू हो चुका है. भारत ने इसके लिए ऑपरेशन सिंदूर डिप्लोमेशी शुरू की है. इसके तहत बुधवार से सांसदों की अलग-अलग टीमें दुनिया के अलग-अलग देशों का दौरा कर भारत के पक्ष से उनको अवगत कराएंगे.
आज से शुरू हुए इस अभियान के तहत सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल 32 देशों और यूरोपीय संघ (EU) का दौरा करेंगे. इनका मकसद पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को स्पष्ट करना और वैश्विक समर्थन जुटाना है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मंगलवार को तीन प्रतिनिधिमंडलों को इस मिशन के बारे में जानकारी दी.
क्यों चुने गए ये 33 देश?
विक्रम मिस्री ने बताया कि इन 33 देशों का चयन सोच-समझकर किया गया है. जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद संजय झा की अगुआई वाले तीसरे समूह के हिस्सा बीजेपी सांसद अपराजिता सारंगी ने बताया कि इनमें से 15 देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के स्थायी या अस्थायी सदस्य हैं. पांच अन्य देश जल्द ही UNSC के सदस्य बनने वाले हैं. बाकी देशों को इसलिए चुना गया, क्योंकि उनकी आवाज वैश्विक मंच पर वजन रखती है. ये देश भारत के आतंकवाद विरोधी रुख को समझने और समर्थन देने में अहम भूमिका निभा सकते हैं.
पाकिस्तान की फेक कहानी का जवाब
पाकिस्तान वर्तमान में UNSC का अस्थायी सदस्य है. उसने पहलगाम हमले के बाद आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट का नाम UNSC के बयान से हटवाने की कोशिश की थी. भारत का कहना है कि पाकिस्तान दशकों से जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों को पनाह, प्रशिक्षण और फंडिंग देता रहा है. अपराजिता सारंगी ने कहा कि पाकिस्तान का यह दावा कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में नागरिकों को निशाना बनाया पूरी तरह झूठा है. उन्होंने जोर देकर कहा कि हमने सटीकता के साथ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया. भारत इन देशों में जाकर सबूतों के साथ अपनी बात रखेगा, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में पाकिस्तानी सेना की मौजूदगी की तस्वीरें भी शामिल हैं.
कौन-कौन हैं प्रतिनिधिमंडल में?
सात प्रतिनिधिमंडलों में 51 सांसद, पूर्व मंत्री और आठ पूर्व राजनयिक शामिल हैं. इनकी अगुआई बीजेपी सांसद बैजयंत जय पांडा, रविशंकर प्रसाद, जेडीयू के संजय झा, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, कांग्रेस के शशि थरूर, डीएमके की कनिमोई करुणानिधि और एनसीपी (शरद पवार) की सुप्रिया सुले कर रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस ने अभिषेक बनर्जी को अपना प्रतिनिधि बनाया है. ये टीमें सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन, अल्जीरिया, यूके, फ्रांस, जर्मनी, इटली, डेनमार्क, अमेरिका, ब्राजील, जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया, मलेशिया, यूएई, रूस, मिस्र, कतर, इथियोपिया और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों का दौरा करेंगी.
संजय झा की अगुआई वाला समूह में अपराजिता सारंगी, बीजेपी सांसद बृज लाल, प्रदन बरुआ, हेमंग जोशी, सीपीआई(एम) सांसद जॉन ब्रिटास, पूर्व मंत्री सलमान खुर्शीद और पूर्व राजदूत मोहन कुमार शामिल हैं. यह टीम जापान (22 मई), दक्षिण कोरिया (24 मई), सिंगापुर (27 मई), इंडोनेशिया (28 मई) और मलेशिया (31 मई) जाएगी.
क्यों जरूरी है यह कदम?
ऑपरेशन सिंदूर 7 मई को शुरू हुआ था. इसके तहत भारत ने पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया. यह पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे. भारत इन दौरों के जरिए दुनिया को बताना चाहता है कि वह आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर अडिग है. साथ ही, सिंधु जल संधि को निलंबित करने का फैसला भी तब तक लागू रहेगा, जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता. यह कूटनीतिक अभियान भारत की एकजुटता और आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ संकल्प को दर्शाता है.
दुनिया को ये 5 बड़े संदेश देंगे 59 सांसद…
- आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस : इसमें बताएंगे कि ऑपरेशन सिंदूर आतंकी गुटों और उनके ढांचों के खिलाफ था। आतंकी अड्डों को नपी-तुली कार्रवाई में निशाना बनाया गया। पाक सेना ने इसे खुद के खिलाफ हमला माना और पलटवार किया।
- पाक आतंक का समर्थक : सांसद कुछ सबूत लेकर जा रहे हैं, जिनमें वो बताएंगे कि पहलगाम हमले में पाक समर्थित आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) की भूमिका थी। इससे पहले हुए हमलों का भी पूरा चिट्ठा सांसद ले जा रहे हैं।
- भारत जिम्मेदार और संयमित : भारत ने सैन्य कार्रवाई में भी जिम्मेदारी और संयम का परिचय दिया। यह सुनिश्चित किया कि पाक के किसी निर्दोष नागरिक की जान न जाए। पाक ने कार्रवाई रोकने का जब आग्रह किया तो भारत ने उसे तत्परता से स्वीकारा।
- आतंक के खिलाफ विश्व एकजुट हो : सांसद इन देशों से आतंकवाद के खिलाफ खुलकर आवाज उठाने और इससे निपटने के लिए सहयोग व समर्थन भी मांगेंगे। अपील करेंगे कि भारत-पाक के विवाद को आतंकवाद के खिलाफ युद्ध के तौर पर देखें।
- पाक को लेकर हमारी नीति : यह बताएंगे कि पाक के खिलाफ भारत ने अपना बदला हुआ दृष्टिकोण उजागर किया है। भारत सीमा पार से पैदा होने वाले खतरे को लेकर उदासीन रहने के बजाए प्रो-एक्टिव रवैया अपनाएगा और आतंकी हमलावरों को पहले ही निष्क्रय करेगा।
यूसुफ पठान की जगह अब अभिषेक बनर्जी TMC से जाएंगे
TMC सांसद यूसुफ पठान की जगह अब पार्टी के सांसद अभिषेक बनर्जी को डेलिगेशन में जोड़ा गया है। सरकार की पहले जारी लिस्ट में यूसुफ पठान का नाम था, लेकिन TMC चीफ ममता बनर्जी ने पार्टी से पूछे बिना पठान को शामिल करने पर नाराजगी जाहिर की थी। इसके बाद केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने ममता से बात की थी और फिर अभिषेक का नाम फाइनल हुआ था।
कांग्रेस के दिए 4 नाम में से केवल एक को चुना कांग्रेस ने केंद्र को 4 कांग्रेस नेताओं के नाम डेलिगेशन में शामिल करने के लिए दिए थे। इनमें आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, सैयद नसीर हुसैन और अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के नाम थे। केंद्र ने केवल आनंद शर्मा को शामिल किया है। कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले की आलोचना की।
कांग्रेस ने कहा- सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में पार्टी के दिए 4 में से केवल एक नाम (नेता) को शामिल किया गया। यह नरेंद्र मोदी सरकार की पूरी तरह से निष्ठाहीनता को साबित करता है और गंभीर राष्ट्रीय मुद्दों पर उसके खेले जाने वाले सस्ते राजनीतिक खेल को दर्शाता है।
शनिवार को कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने X पर लिखा था- शुक्रवार (16 मई) सुबह संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और विपक्ष के नेता राहुल गांधी से बात की थी। उन्होंने विदेश भेजे जाने वाले डेलिगेशन के लिए 4 सांसदों का नाम मांगा था। कांग्रेस ने आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, डॉ. सैयद नसीर हुसैन और राजा बरार के नाम दिए थे।’