अरविंद केजरीवाल को एक बड़ा झटका देते हुए दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को एक याचिका को मंजूरी दी. जिसमें आप (AAP) चीफ और अन्य लोगों के खिलाफ 2019 में द्वारका में बड़े- बड़े होर्डिंग्स लगाने के लिए सार्वजनिक धन के कथित दुरुपयोग के लिए एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी. यह मामला 2019 में दर्ज की गई एक शिकायत से जुड़ा है. जिसमें आरोप लगाया गया था कि केजरीवाल, पूर्व आप विधायक गुलाब सिंह और द्वारका पार्षद नितिका शर्मा ने इलाके में बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाकर सार्वजनिक धन का दुरुपयोग किया.
सितंबर 2022 में एक मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने शिकायत को खारिज कर दिया था. हालांकि, सत्र न्यायालय ने निचली अदालत के फैसले को पलट दिया और इसे पुनर्विचार के लिए मजिस्ट्रेट के पास वापस भेज दिया. स्पेशल जज के मजिस्ट्रेट अदालत को मामले पर फिर से फैसला करने का निर्देश देने के बाद, मजिस्ट्रेट ने अब मामले में एफआईआर दर्ज करने की याचिका को स्वीकार कर लिया है.
बढ़ सकती है केजरीवाल की परेशानी
मामले की सुनवाई अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल ने की और आज कोर्ट ने इस शिकायत को स्वीकार करते हुए पुलिस को 18 मार्च तक आदेश पर अमल को लेकर रिपोर्ट देने को कहा है।बता दें कि अदालत का यह आदेश राष्ट्रीय राजधानी में 10 साल से अधिक समय तक शासन करने के बाद अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को भारतीय जनता पार्टी द्वारा सत्ता से बेदखल किये जाने के कुछ सप्ताह बाद आया है, जिससे केजरीवाल की परेशानी एक बार फिर से बढ़ सकती है।
भाजपा ने केजरीवाल पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया
पिछले सप्ताह दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आप सरकार द्वारा संचालित ‘मोहल्ला क्लीनिक’ में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन तथा पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर मुफ्त स्वास्थ्य सेवा के नाम पर ‘भ्रष्टाचार की दुकानें’ चलाने का आरोप लगाया था। सचदेवा की यह प्रतिक्रिया आप के वरिष्ठ नेता जैन द्वारा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली में भाजपा सरकार द्वारा 250 ‘मोहल्ला क्लीनिक’ बंद करने की कथित योजना की कड़ी आलोचना करने के बाद आई है। उन्होंने इसे शहर के स्वास्थ्य सेवा ढांचे को ‘पंगु’ करने वाला कदम बताया था।