बिहार मंत्रिमंडल विस्तार पर जेडीयू नेता राजीव रंजन प्रसाद की प्रतिक्रिया आई है. गुरुवार (27 फरवरी) को एएनआई से बातचीत के दौरान उनसे पूछा गया कि बीजेपी के सात विधायक मंत्री बने हैं इसमें कास्ट कॉम्बिनेशन का काफी ध्यान रखा गया, क्या जेडीयू कास्ट कॉम्बिनेशन का ध्यान नहीं रख रही है?जेडीयू के लोग मंत्री क्यों नहीं बने? इस पर उन्होंने कहा कि इस विस्तार को लेकर जो कोहराम मच रहा है, यह राजनीतिक तौर पर हमारे विरोधियों की अपरिपक्वता को दर्शाता है.
जेडीयू नेता ने आगे कहा कि सैद्धांतिक सहमति थी कि जीती हुई सीटों पर भागीदारी होगी, लेकिन विभागों का वितरण जो परंपरागत तौर पर पिछले गठबंधन में हम लोगों के पास जो विभाग थे और बीजेपी के पास जो विभाग थे वो उनके पास रहेंगे. इसलिए जो लोगों के पास जो पोर्टफोलियो हैं वो पहले से हैं. उनके बीच जो नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण कराया गया है. पहले जिन मंत्रियों के पास विभाग ज्यादा थे, उन विभागों को स्थानांतरित किए जाएंगे.
बीजेपी ने 225 सीटें जीत का रखा लक्ष्य
राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए एक बड़े लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहा है. हमने 225 सीटों का लक्ष्य रखा है और मंत्रीपरिषद पूरी तरह से जन अपेक्षाओं के अनुरूप है. जो भागीदारी है वो सभी जिलों, वर्गों उनके हितों की रक्षा की दुष्टि से बनाई गई है. इसके सांकेतिक तौर पर जो संदेश जाने चाहिए वो जा चुके हैं.
राजीव रंजन ने कहा कि इन बेशुमार उपलब्धियों का मुकाबला विपक्ष कैसे कर सकता है. ऐसे ही बिहार के खस्ताहाल विपक्ष के लिए इस समय अस्तित्व पर संकट की स्थिति है. इस बार जब हम 225 सीटें जीतेंगे तो 243 सीटों में विपक्ष अगर मिलकर भी लड़े तो 18 से 20 सीट तक जीत पाएंगे. अगर कांग्रेस और आरजेडी अलग-अलग चुनाव लड़ती है तो वे एक-एक सीट के लिए पार्टी तरसेगी.