लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आग्रह किया है कि पीठासीन पदाधिकारी सदन की कार्यवाही में लगातार हो रहे व्यवधान को रोंके। बैठकों की संख्या में गिरावट चिंता का विषय है, अवधि बढ़े। विधानमंडलों की गरिमा और मर्यादा को गिरने से बचाएं। वह बिहार विधानसभा में सोमवार को 85वें अखिल भारतीय पीठासीन पदाधिकारी सम्मेलन (एआईपीओसी) में अध्यक्षीय संबोधन कर रहे थे। बिरला ने साफ कहा- विधानमंडल बहस और चर्चा का मंच है, जहां लोगों की आवाज का पर्याप्त प्रतिनिधित्व होना चाहिए। पर विधानमंडल अपनी बैठकों की संख्या में गिरावट के साथ अपने संवैधानिक जनादेश को पूरा करने में विफल हो रहे हैं। सदनों की गरिमा और प्रतिष्ठा को बनाना, बढ़ाने का मुद्दा अत्यंत महत्वपूर्ण है। सदन लोगों की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने का मूल माध्यम बने। राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर केंद्र और राज्य दोनों को ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना के साथ मिलकर काम करें। उन्होंने बताया कि ‘एक राष्ट्र, एक विधान मंच’ 2025 के अंत तक एक वास्तविकता होगी, ये तय है।
हरिवंश ने कहा…अतीत ही भविष्य की राह दिखाता है
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा कि अतीत ही भविष्य की राह दिखाता है। निजी और दल हित से देशहित ऊपर है। बिहार को संवारने का श्रेय नीतीश कुमार को है। केन्द्र ने महिला आरक्षण बिल 2023 में पारित किया। बिहार में 2006 से ही पंचायतों में 50% आरक्षण है।
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष के सीने में दर्द, जयपुर लौटे
राजस्थान के विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को सोमवार की सुबह सीने में दर्द और सांस लेने की शिकायत हुई। सुबह करीब 10 बजे उन्हें इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान में भर्ती कराया गया। जांच में हार्ट अटैक की पुष्टि नहीं हुई। वे करीब साढ़े सात घंटे तक अस्पताल में रहे। अस्पताल से ही उन्होंने राजस्थान के सीएम भजन लाल शर्मा से बात की। आईजीआईआईसी के डॉक्टरों ने उनके निजी चिकित्सक से भी बात की। पता चला कि देवनानी को हाइपर एसिडिटी है। सोमवार की शाम दो डॉक्टरों के संग उनके पुत्र एयर एंबुलेंस से पहुंचे और उन्हें लेकर जयपुर चले गए। पढें पेज-5 भी
राज्य विधानमंडल नीतियां बनाने के लिए अपनी शक्तियों का उपयोग स्थानीय जरूरतों के अनुरूप करें। राज्य विधानसभाएं अपने स्थानीय निकायों के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के लिए एआईपीओसी की तर्ज पर मंच बनाएं। विधानमंडलों के कामकाज में आईटी, एआई और सोशल मीडिया के उपयोग को बढ़ावा दें। एआई आधारित उपकरण संसदीय और विधायी कार्यवाही को पारदर्शी और प्रभावशाली ढंग से बढ़ा सकते हैं। सभी विधानमंडलों की समितियों के बीच संवाद हो और समितियों का कार्य जमीनी हकीकत पर आधारित हो। इस अवसर पर बिरला ने ‘प्रैक्टिस एंड प्रोसीजर ऑफ पार्लियामेंट’ के अद्यतन संस्करण का लोकार्पण किया। लोकसभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह द्वारा संपादित यह संस्करण संसद के कामकाज को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम है।
अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन का आज दूसरा दिन
बिहार की राजधानी पटना में 85वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन का आयोजन किया गया है. आज दूसरे दिन सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक बिहार विधानसभा में विशेष रूप से चर्चा होगी. जिसमें सभी पीठासीन अधिकारी शामिल होंगे. आज समापन कार्यक्रम होना है, जिसमें राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान भी शामिल होंगे. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला विधानसभा में neva सेवा केंद्र का उद्घाटन भी करेंगे.
जानें आज का शेड्यूल: आज सुबह भी अलग-अलग विषयों पर चर्चा होगी. 10:00 बजे से 12:00 तक एजेंडा टॉपिक पर चर्चा होगी, जिसमें सभी पीठासीन अधिकारी अपनी बात रखेंगे. 12:00 बजे से समापन समारोह शुरू होगा. राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान 12:00 बजे विधानसभा पहुंचेंगे फिर नेशनल एंथम से कार्यक्रम की शुरुआत होगी. वहीं, विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह स्वागत भाषण देंगे. उसके बाद विधानसभा के अध्यक्ष नंदकिशोर यादव का संबोधन होगा.’
पहले दिन ओम बिरला ने क्या कहा था?: वहीं, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के संबोधन के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का संबोधन होगा. अंत में बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का संबोधन होगा. विधान परिषद के उपसभापति राम बचन राय धन्यवाद प्रस्ताव करेंगे. समापन समारोह के अंतिम दिन 1:30 बजे के करीब ओम बिरला मीडिया से भी बातचीत करेंगे.
विधानसभा में बैठकों की घटती संख्या पर जताई चिंता: पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के पहले दिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विधानसभा में बैठकों की घटती संख्या पर चिंता जताई थी. साथ ही हंगामा और कार्यवाही स्थगन को भी गंभीर चुनौती बताया था. सभी दलों को इसमें सहयोग करने की अपील भी की थी. आज विधानसभा में विशेष चर्चा में कई मुद्दे होंगे, जिस पर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी. लोकसभा अध्यक्ष ने कल कहा था कि पूरे देश में 2025 में एक देश एक विधान के लक्ष्य पर काम हो रहा है, जिसमें एक ही प्लेटफार्म पर सभी विधानसभा को लाया जाएगा. बिहार विधानसभा भी बजट सबसे पहला पेपरलेस बनाने की तैयारी हो रही है.