जदयू ऑफिस में शनिवार को नई प्रदेश कार्यकारिणी की पहली बैठक हो रही है। बैठक में सीएम नीतीश कुमार राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा समेत सभी मंत्री, सांसद और विधायक मौजूद हैं। इनके साथ पार्टी के 400 मेंबर भी इस बैठक में हिस्सा ले रहे हैं। मीटिंग में ललन सिंह नहीं हैं। आज की बैठक में आनेवाले विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाई जा रही है।
पार्टी मीटिंग के एजेंडे को लेकर खगड़िया के परबत्ता से जेडीयू विधायक डॉ. संजीव ने कहा कि बैठक का मुख्य उद्देश्य है कि NDA गठबंधन 2025 में 225 सीट लाना और नीतीश कुमार 2025 में फिर से मुख्यमंत्री बनना है। वहीं अशोक चौधरी को पार्टी का महासचिव बनाने पर सवाल उठाए। ललन सिंह के शामिल नहीं होने पर कहा कि उनको आना चाहिए था, लेकिन कुछ व्यस्तता रही होगी, इस कारण वे नहीं आए हैं।
अब तक की मीटिंग में 6 फैसले लिए गए हैं। जिसमें एनडीए के सहयोगी दलों के साथ तालमेल बिठाने को लेकर कार्यक्रम चलाया जाएगा। साथ ही पार्टी सम्मान संवाद कार्यक्रम करेगी, जिसमें वरिष्ठ नेता कार्यकर्ताओं से बात करेंगे।
जदयू के मिशन 2025 और 4 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के मद्देनजर इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है। हालांकि प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने बताया कि बैठक का एजेंडा 2025 का विधानसभा चुनाव ही है। जैसा हमारे नेता नीतीश कुमार निर्देश देंगे। उस हिसाब से कार्यकर्ता जमीन पर आगे की तैयारी में जुट जाएंगे।
इससे पहले पार्टी के प्रदेश कमेटी और जिलाध्यक्षों की बैठक 16 सितंबर को हुई थी। इसमें भी चुनाव को लेकर रणनीति बनी थी।
भूमिहार को गली देने वालों को पार्टी में महासचिव बनाना दुर्भाग्यपूर्ण
अब जदयू के भीतर ही अशोक चौधरी का विरोध शुरू हो गया है। खगड़िया के परबत्ता से विधायक डॉ. संजीव ने कहा कि पार्टी के भीतर एक-दो लोग जाति सूचक शब्द का इस्तेमाल करते हैं। भूमिहारों के लिए बयान देते हैं। इसका सख्त विरोध मैं पहले भी करता था और आज भी कर रहा हूं। ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि भूमिहारों को गाली देने वालों को पार्टी का महासचिव बना दिया जाता है। पार्टी में रह कर भूमिहारों के प्रति गलत बयानबाजी करते हैं। भूमिहार हमेशा से NDA के साथ रहे हैं। जब-जब नीतीश कुमार की सरकार बनी है। भूमिहार दम-खम के साथ उनके साथ खड़े रहे हैं।
नीतीश के साथ श्री बाबू को भी मिले भारत रत्न
डॉ. संजीव ने कहा कि श्री बाबू के बाद अगर बिहार में किसी ने काम किया है तो वो हैं नीतीश कुमार। इसलिए श्री बाबू और नीतीश कुमार दोनों को भारत रत्न मिले।
जदयू प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के 6 फैसले
1. NDA के सहयोगी दलों के नेताओं के साथ समन्वय बनाने के लिए संगत-पंगत कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इसमें प्रखंड स्तर तक के NDA के नेता नियमित तौर पर मिलेंगे। आपस में चाय और नाश्ते पर चर्चा करेंगे। इसमें वे विपक्षी दलों की तरफ से फैलाए जा रहे भ्रम को दूर करेंगे।
2. सम्मान संवाद कार्यक्रम का शुरुआत करेंगे। इसमें समता पार्टी के दौरान जुड़े रहे वरिष्ठ कार्यकर्ताओं से पार्टी के नेता संवाद करेंगे।
3. लोकसभा चुनाव में NDA की जीत के लिए सीएम नीतीश कुमार को बधाई दी गई। जिनके नाम और काम पर चुनाव लड़ा और जीता गया।
4. नीतीश कुमार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाना और इस पर चर्चा करने का निर्णय लिया गया।
5. जातीय गणना कराने और इसके आधार पर आरक्षण लागू करने को लेकर फिर उच्चतम न्यायलय में याचिका दायर करने के लिए सीएम नीतीश कुमार को धन्यवाद दिया गया।
6. नौकरी और रोजगार मतलब नीतीश कुमार का प्रस्ताव पास हुआ।
एक महीने के भीतर पार्टी के 3 पावरफुल बॉडी में फेरबदल
विधानसभा चुनाव से पहले जदयू ने बड़ा फेरबदल किया है। एक महीने के भीतर संगठन के तीन पावरफुल समितियों में बदलाव किए हैं। पहले राष्ट्रीय पदाधिकारियों को बदला गया। इसके बाद प्रदेश कमेटी में बदलाव हुए हैं। इसके बाद 15 दिन पहले राज्य कार्यकारिणी का भी नए सिरे से गठन किया गया था।
कार्यकारिणी में 68 नेताओं को किया गया है शामिल
कार्यकारिणी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह समेत पार्टी के 68 बड़े नेताओं को जगह दी गई है। इसमें वशिष्ठ नारायण सिंह, विजेन्द्र प्रसाद यादव, विजय चौधरी, उमेश सिंह कुशवाहा, पूर्व केंद्रीय मंत्री दशई चौधरी, पूर्व सांसद चंदेश्वर चंद्रवंशी और पूर्व सांसद विजय कुमार जैसे नाम शामिल हैं। पार्टी के सीनियर लीडर के अलावा सांसदों को भी शामिल किया गया है।