इजरायल-हमास युद्ध को एक साल पूरा होने का वक्त बेहद करीब है, लेकिन इससे पहले ही इजरायल ने अपने 2 सबसे बड़े दुश्मनों को खल्लास कर दिया है। एक तरह से इजरायल ने ईरान की दोनों मजबूत भुजाएं काट दी हैं। सबसे पहले इजरायली सेना ने जुलाई में ईरान के नए राष्ट्रपति डॉ. मसूद पेजेश्कियन के शपथ ग्रहण समारोह में शरीक होने गए हमास चीफ इस्माइल हानिया को तेहरान में ढेर कर दिया। इसके 2 महीने के अंदर ही अब अपने दुश्मन नंबर दो और हिजबुल्लाह चीफ सैय्यद हसन नसरल्लाह को भी सात हूरों के पास पहुंचा दिया। मगर ईरान हाथ पर हाथ धरे बैठा ही रह गया।
इस्माइल हानिया और हसन नसरल्लाह के रूप में अपनी दोनों भुजाएं कटवाने के बाद ईरान की हालत क्या है, यह सिर्फ वही बता सकता है। ईरान ने कभी सपने में भी नहीं सोचा रहा होगा कि उसके दोनों सागिर्दों का इजरायल इतनी जल्द और इतनी आसानी से खात्मा कर देगा। जुलाई में जब तेहरान में हानिया की हत्या हुई थी तो ईरान इससे पूरी तरह से बौखला गया था। इसके बाद उसने इजरायल को इसका बुरा अंजाम भुगतने की धमकी दी थी। ईरान ने साफ तौर पर कहा था कि वह हानिया की मौत के लिए इजरायल को जिम्मेदार मानता है और उससे बदला लेगा। मगर ईरान इजरायल को धमकी देने के बाद अब तक शांत बैठा रहा। इधर इजरायल ने अपने दूसरे दुश्मन को भी सुपुर्द-ए-खाक कर दिया। अब तेहरान को अब समझ नहीं आ रहा कि वह इन दो बड़ी हत्याओं के बाद अपने दोस्तों को क्या जवाब दे?
नसरल्लाह की हत्या से घबराए खामेनेई
इजरायल से अब तक इस्माइल हानिया की हत्या के बाद बदला लेने की कसम खाने वाले ईरान का हौसला अब हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत के बाद पूरी तरह टूटा हुआ दिखाई दे रहा है। इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि नसरल्लाह की मौत के तुरंत बाद तेहरान इस तरह घबरा गया कि उसे अपने सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई को सुरक्षित और गुप्त ठिकाने पर शिफ्ट करना पड़ा है। मगर वह इजरायल से कितना सुरक्षित होंगे यह कोई नहीं जानता। हालांकि नसरल्लाह की मौत के बाद खामेनेई ने अब सभी मुसलमानों को एकजुट होकर इजरायल से जंग लड़ने का आह्वान किया है।
क्या अब छिड़ेगी इजरायल और ईरान में सीधी जंग
ईरान समर्थित दो आतंकी समूहों के मुखियाओं की हत्या के बाद अब इजरायल और तेहरान में सीधे युद्ध की आशंका बढ़ गई है। इससे पूरे मध्य-पूर्व के देशों में यह युद्ध फैल सकता है। अमेरिका को भी इजरायल-ईरान में सीधी जंग शुरू होने का खतरा सता रहा है। इसीलिए अमेरिका ने मध्य-पूर्व में अमेरिकी सैनिकों की तैनाती शुरू कर दी है। इधर इजरायल ने अपने सीमा क्षेत्रों में रिजर्व सैनिकों की भी तैनाती कर दी है। दुनिया में सबसे ताकतवर माना जाने वाला इजरायल का एंटी एयर डिफेंस सिस्टम पहले से ही उसके आसमान की रक्षा कर रहा है। इजरायली आयरन डोम इसमें प्रमुख है, जिसने हमास और हिजबुल्लाह के हजारों रॉकेटों और मिसाइलों को हवा में ही खल्लास कर चुका है। ऐसी स्थिति में यदि जंग छिड़ी तो इसके परिणाम बहुत घातक हो सकते हैं। इजरायली प्रधानमंत्री पहले ही खामेनेई समेत मध्य-पूर्व को चेतावनी दे चुके हैं कि ये क्षेत्र इजरायल की पहुंच से दूर नहीं हैं। इजरायल इनके कोने-कोने तक पहुंच सकता है।