बिहार में जाति की राजनीति कोई नई बात नहीं है. बिहार में चुनावों के दौरान जाति समीकरण को सेट करके ही चुनाव लड़ा जाता है. वहीं चुनाव से पहले भी एक दूसरे जतियों पर हमला कर एक दूसरे पर वार-पलटवार का दौर खूब चलता है. अब एक बार फिर से बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले जाति को लेकर एक-दूसरे पर हमला शुरू हो गया है. दरअसल जीतन राम मांझी ने बीते दिनों आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव को लेकर बयान दिया था कि वे लोग लोग यादव नहीं गड़ेरिया हैं. वहीं जीतन राम मांझी ने तेजस्वी यादव की शिक्षा को लेकर भी सवाल उठाया था. वहीं बुधवार शाम पटना पहुंचते ही लालू प्रसाद यादव ने जीतन राम मांझी को करारा जवाब देता हुए कहा कि ‘ऊ मुसहर हैं क्या?’
वहीं लालू यादव के इस सवाल पर जीतन राम मांझी ने भी एक बार फिर से पलटवार करते हुए सोशल साइट X पर पोस्ट शेयर कर जवाब दिया है. उन्होंने लिखा है- लालू जी, हम मुसहर-भुईयां हैं,हमारे पिता मुसहर-भुईयां थें, हमारे दादा मुसहर-भुईयां थें, हमारे परदादा मुसहर-भुईयां थें, हमारा तो पुरा खानदान ही मुसहर-भुईयां है. और हम तो गर्व से कहतें हैं कि “हम मुसहर,भुईयां हैं”
तेजस्वी ने मांझी को बताया था शर्मा
बता दें, जीतन राम मांझी और लालू फैमिली के बीच जाति को लेकर यह विवाद नवादा हादसे के बाद शुरू हुआ था. दरअसल जीतन राम मांझी ने नवादा में दलितों की बस्ती जलाए जाने के यादवों को जिम्मेदार ठहराया था, जिसके बाद तेजस्वी यादव ने जीतन राम मांझी को शर्मा कहा था. तेजस्वी यादव ने कहा था कि जीतन राम मांझी का नाम मांझी जी है, लेकिन लोग उन्हें प्यार से जीतन राम शर्मा बुलाते हैं, जीतन राम शर्मा. वहीं जीतन राम मांझी ने भी बीते 19 सितंबर को सोशल साइट X पर पोस्ट शेयर कर हमला किया था.
जीतन राम मांझी ने पोस्ट शेयर कर लिखा था- विपक्षी दलों के गुंडे हमारे घर,दरवाजों को तोड़ सकतें पर हमारे लोगों का हौसला नहीं तोड़ सकतें। घर जलाने वाले लोगों के संरक्षक लालू पाल(गरेड़ी) जी आप राजनीति के लिए अपनी जाति छुपा सकतें हैं पर हम नहीं।हम गर्व से कहतें हैं “हम मुसहर हैं”. लालू जी में हिम्मत है तो वह भी कहकर दिखाएं कि हम गरेड़ी हैं। लालू जी! पूरे बिहार में दलितों के जमीन पर और मुसलमानों के क़ब्रिस्तानों पर किस पार्टी के समर्थकों का क़ब्जा रहा है यह सबको पता है. आपने और आपके लोगों ने बहुत दबा लिया हमलोगों को,अब करारा जवाब मिलेगा।