कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सोमवार को असम और मणिपुर के दौरे पर हैं। राहुल ने दोपहर 3 बजे के करीब मणिपुर के चुराचांदपुर में मंडप तुईबोंग रिलीफ कैंप में मणिपुर हिंसा के पीड़ितों के मुलाकात की।
अब राहुल शाम 4.30 बजे मोईरांग में फुबाला कैंप में पहुंचेंगे। यहां से निकलने के बाद शाम 6 बजे राजभवन में गवर्नर से मुलाकात करेंगे। पूरे दिन के घटनाक्रम को लेकर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में शाम 6.40 बजे मीडिया से बात करेंगे।
इससे पहले राहुल दोपहर 12 बजे जिरिबाम पहुंचे थे। यहां हायर सेकेंडरी स्कूल में बनाए गए राहत शिविर में मौजूद लोगों से मुलाकात की थी। इससे पहले सुबह 10 बजे पहले असम के सिलचर पहुंचे थे। उन्होंने फुलेरताल के थलाई इन यूथ केयर सेंटर में राहत शिविर का दौरा किया। यह इलाका हिंसा प्रभावित मणिपुर से लगा हुआ है।
राहुल के मणिपुर आने से पहले रात 3:30 बजे जिरिबाम के फिटोल गांव में उपद्रवियों ने सुरक्षाबलों के कैस्पिर वैन (एंटी लैंड माइन वैन) पर फायरिंग की थी। इसमें एक फायर ब्रिगेड को भी निशाना बनाया गया था। सुरक्षाबलों ने सर्चिंग के बाद 2 लोगों को गिरफ्तार किया है।
जिरीबाम में भी राहत शिविर पहुंचे
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सोमवार को मणिपुर के जिरीबाम जिले में राहत शिविरों का दौरा करने के बाद सिलचर हवाई अड्डे से इंफाल हवाई अड्डे पहुंचे। इसके बाद वह सड़क मार्ग से चुराचांदपुर के लिए रवाना हो गए। राहुल चुराचांदपुर में राहत शिविरों का दौरा करेंगे, जहां जातीय हिंसा के कारण विस्थापित लोग रह रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कीशम मेघचंद्र और कांग्रेस विधायक दल के नेता ओ इबोबी सिंह भी दौरे पर उनके साथ हैं। मेघचंद्र ने संवाददाताओं से कहा, “राहुल गांधी की यात्रा का मकसद लोगों को मदद मुहैया करना और जमीनी हालात का जायजा लेना है। उनका दौरा हालिया हिंसा से प्रभावित लोगों की चिंताओं को दूर करने की पार्टी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”
मणिपुर हिंसा के कारण 67 हजार लोग विस्थापित हुए
मणिपुर की आबादी करीब 38 लाख है। यहां तीन प्रमुख समुदाय हैं- मैतेई, नगा और कुकी। मैतई ज्यादातर हिंदू हैं। नगा-कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं। ST वर्ग में आते हैं। इनकी आबादी करीब 50% है। राज्य के करीब 10% इलाके में फैली इंफाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल ही है। नगा-कुकी की आबादी करीब 34 प्रतिशत है। ये लोग राज्य के करीब 90% इलाके में रहते हैं।
मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए। समुदाय ने इसके लिए मणिपुर हाई कोर्ट में याचिका लगाई। समुदाय की दलील थी कि 1949 में मणिपुर का भारत में विलय हुआ था। उससे पहले उन्हें जनजाति का ही दर्जा मिला हुआ था। इसके बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से सिफारिश की कि मैतेई को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल किया जाए।
मार्च 2023 में मणिपुर हाईकोर्ट ने मैतेई समुदाय को अनुसूचित जाति (ST) में शामिल करने के लिए केन्द्र सरकार को सिफारिशें भेजने के लिए कहा था। इसके बाद कुकी समुदाय ने राज्य के पहाड़ी जिलों में विरोध प्रदर्शन शुरू किया था जो अभी भी जारी है।
3 मई 2023 को मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे। जो देखते ही देखते पूर्वी-पश्चिमी इंफाल, बिष्णुपुर, तेंगनुपाल और कांगपोकपी समेत अन्य जिलों में फैल गए थे। इस हिंसा में करीब 200 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
जिनेवा के इंटरनल डिस्प्लेसमेंट मॉनिटरिंग सेंटर (IDMC) ने मई महीन में एक रिपोर्ट जारी की। इसमें कहा गया कि साल 2023 में साउथ एशिया में 69 हजार लोग विस्थापित हुए। इनमें से 97 फीसदी यानी 67 हजार लोग मणिपुर हिंसा के कारण विस्थापित हुए हैं। लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा और दूसरे लोगों के घरों के अलावा राहत शिविर में आसरा लेना पड़ा।