लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में राजनीतिक दलों के बीच घमासान जारी है. एनडीन ने बिहार में 40 लोकसभा सीटों को लेकर सीट बंटवारा कर दिया है तो दूसरी तरफ अब तक महागठबंधन में सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है. वहीं, अब एनडीए के सहयोगी दल ही आमने-सामने आ चुके हैं. दरअसल, शनिवार को जेडीयू ने एनडीए के ही घटक दल राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रमेश कुशवाहा को पार्टी से अलग कर अपनी पार्टी में शामिल करा लिया. रमेश कुशवाहा अपनी पत्नी विजयलक्ष्मी के साथ जेडीयू में शामिल हो गए. जानकारी के अनुसार, जेडीयू रमेश कुशवाहा की पत्नी विजयलक्ष्मी को सिवान से लोकसभा चुनाव का उम्मीदवार बना सकती है. रमेश कुशवाहा और विजयलक्ष्मी ने जेडीयू के प्रदेश कार्यालय में शनिवार को राज्यसभा सांसद संजय झा, अशोक चौधरी और विजय चौधरी की मौजूदगी में सदस्यता ग्रहण की.
रमेश कुशवाहा ने पत्नी के साथ थामा जेडीयू का हाथ
आपको बता दें कि 2015 से लेकर 2020 तक रमेश कुशवाहा जेडीयू के विधायक थे, लेकिन पिछले साल ही वे जेडीयू छोड़कर उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी में चले गए. कुशवाहा ने उन्हें अपनी पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया था, लेकिन लोकसभा चुनाव से पदहले ही रमेश कुशवाहा ने पत्नी के साथ अपना पाला बदल लिया और जेडीयू में शामिल हो गए. वहीं, पाला बदलने के बाद रमेश कुशवाहा ने इस पर सफाई भी दी और कहा कि वे एनडीए में ही आए हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पीएम बनाने का काम करेंगे. इस पर जेडीयू नेता विजय चौधरी ने कहा कि रमेश कुशवाहा ने अपनी मर्जी से यह फैसला लिया है. गठबंधन में आपसी तालमेल से ही लोग एक पार्टी से दूसरी पार्टी में जाते हैं.
वहीं, इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने एक्स पर लिखा कि राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा किसी अन्य पार्टी में शामिल हो जाने पर आक्रोशित मित्र कृपया हरिवंश राय बच्चन साहब की निम्नलिखित पंक्तियों का स्मरण करें —
“जो बीत गई सो बात गई
मधुवन की छाती को देखो
सूखी कितनी इसकी कलियां
मुरझाई कितनी वल्लरियां
जो मुरझाई फिर कहां खिलीं
पर बोलो सूखे फूलों पर
कब मधुवन शोर मचाता है
जो बीत गई सो बात गई ”
वैसे जदयू के लोगों से आग्रह है कि कुछ और उम्मीदवार की जरूरत हो तो बताइएगा, प्लीज़.