बिहार के विपक्षी महागठबंधन (Mahagathabandhan) के लिए नई मुसीबत आज तब पैदा हुई, जब कांग्रेस-आरजेडी (Congress-RJD) गठबंधन के तीन विधायक मंगलवार को बिहार विधानसभा के भीतर सत्ता पक्ष के सदस्यों के साथ जा बैठे. यह नाटकीय घटनाक्रम बिहार विधानसभा में भोजनावकाश के बाद हुआ. कार्यवाही शुरू होने पर आरजेडी की संगीता कुमारी (Sangeeta Kumari) के अलावा कांग्रेस विधायक मुरारी गौतम (Murari Gautam) और सिद्धार्थ सिंह (Siddharth Singh) को उपमुख्यमंत्री और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी (Samrat Chaudhary) के पीछे सदन के भीतर प्रवेश करते देखा गया. चौधरी द्वारा इशारा करने पर वे सत्ता पक्ष की ओर बैठ गए और सत्तारूढ़ राजग के विधायकों ने मेजें थपथपाकर इसका अनुमोदन किया.
एक पखवाड़ा पहले तीन विधायकों ने छोड़ा था साथ
बिहार विधानसभा में इस ताजा स्थिति से एक पखवाड़ा पहले आरजेडी के तीन विधायक उस दिन पार्टी छोड़कर चले गए थे जब उसके वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को अविश्वास प्रस्ताव के जरिए हटा दिया गया था और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार की अगुवाई में नई सरकार ने बीजेपी के सहयोग से विश्वास मत हासिल किया था. आरजेडी ने अपने तीनों विधायक चेतन आनंद, नीलम देवी और प्रह्लाद यादव को सदन की सदस्यता से अयोग्य ठहराने की मांग की है. इनमें से किसी ने भी अब तक औपचारिक रूप से पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया है.
कांग्रेस के भीतर विद्रोह का मिला था संकेत
नवीनतम प्रकरण कांग्रेस के भीतर विद्रोह का पहला संकेत था जिसने विभाजन के डर से विश्वास मत से पहले अपने 19 विधायकों में से एक को छोड़कर सभी को हैदराबाद भेज दिया था. सिद्धार्थ सिंह ने अपने विक्रम निर्वाचन क्षेत्र में पूर्व व्यस्तताओं का हवाला देते हुए बिहार छोड़ने से इनकार कर दिया था. उनके बारे में कहा जाता है कि वह कांग्रेस के राज्य नेतृत्व से नाखुश थे. नीतीश कुमार के अचानक महागठबंधन छोड़ने और राजग में वापसी के परिणामस्वरूप मुरारी गौतम को पिछले महीने अपना मंत्री पद खोना पड़ा था.
‘इतिहास में गद्दार के रूप में दर्ज किये जाएंगे’
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने संवाददाताओं से कहा कि जिन लोगों ने पाला बदल लिया है, उनके नाम इतिहास में गद्दार के रूप में दर्ज किये जाएंगे. यह पूछे जाने पर कि इस पाला बदल के पीछे क्या कारण हो सकता है, खान ने कहा कि कोई भी गद्दार के दिमाग को नहीं पढ़ सकता है. हो सकता है कि कुछ प्रलोभन हो, लेकिन उन्हें खुद से पूछना चाहिए कि क्या उन्हें अपनी वफादारी का सौदा करने के लिए जो कीमत मिली है, वह उन्हें जीवन भर कायम रखेगी.
सीएम के साथ हमेशा व्यक्तिगत समीकरण रहे हैं- सिद्धार्थ सौरव
हालांकि सिद्धार्थ सौरव ने पलटवार करते हुए कहा कि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है. मुझे आश्चर्य है कि मुझ पर आरोप क्यों लगाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के साथ उनके हमेशा व्यक्तिगत समीकरण रहे हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए उनके मन में बहुत सम्मान रहा है. वहीं, बिहार विधानपरिषद में जेडीयू सदस्य और पार्टी के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि विपक्षी विधायकों को यह एहसास हुआ होगा कि उन्हें 17 महीने की अवधि जब महागठबंधन सत्ता में था. इस दौरान किए गए वित्तीय धोखाधड़ी के लिए जवाबदेह होना होगा.
सम्राट चौधरी ने तेजस्वी पर कसा तंज
सम्राट चौधरी ने विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए कहा कि वहां एक बच्चा है जो खेल खेलना चाहता है. हमने उसे एक खिलौना दिया है. चौधरी का इशारा यादव की इस टिप्पणी की ओर था कि खेल अभी भी जारी है. तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के पलटी मारने के परिणामस्वरूप उपमुख्यमंत्री का पद खोने के बाद बीजेपी और जेडीयू में विद्रोह की भविष्यवाणी की थी. बता दें कि राजग को 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में कुल मिलाकर अब 134 विधायकों का समर्थन प्राप्त है. राजग में औपचारिक रूप से केवल जेडीयू, बीजेपी और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा तथा एक निर्दलीय विधायक शामिल हैं.