कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने फर्रुखाबाद सीट के समाजवादी पार्टी के खाते में जाने पर अपनी मायूसी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X के जरिए सामने रखा है. सलमान खुर्शीद ने फर्रुखाबाद से अपने जुड़ाव और अपनी भावना को सामने रखते हुए कहा कि फर्रुखाबाद से निर्दलीय चुनाव लड़ने का उनका कोई इरादा नहीं है. सलमान खुर्शीद ने फर्रुखाबाद सीट समाजवादी पार्टी के पास जाने पर अपना दुख जताते हुए कहा कि ‘फर्रुखाबाद से मेरे रिश्तों के कितने इम्तहान का सामना करना पड़ेगा? सवाल मेरा नहीं पर हमारे सब के मुस्तकबिल का है, आने वाली नस्लों का है. किस्मत के फैसलों के सामने कभी झुका नहीं. टूट सकता हूं, झुकूंगा नहीं. तुम साथ देने का वादा करो, मैं नगमे सुनाता रहूं.’
कांग्रेस के कई नेताओं के मन में सलमान खुर्शीद की तरह ही पीड़ा है कि लोकसभा चुनाव के लिए भले ही इंडिया गठबंधन बना हो, लेकिन, सपा मुखिया अखिलेश यादव उसमें एकतरफा फैसले ले रहे हैं. इससे कांग्रेस नाखुश है. लेकिन, कांग्रेस का प्रदेश नेतृत्व खुलकर नहीं बोल रहा है. बहरहाल कांग्रेस को सपा ने 17 सीटें देने का फैसला किया है. इस पर कांग्रेस के नेता सहमत हो गए हैं.
राजनीतिक जानकार बताते हैं कि यूपी में कांग्रेस का संगठन कमजोर है. सपा को भी यह बात पता है. यही कारण है कि सपा इंडिया गठबंधन में अपने को एक बड़ी भूमिका में रखना चाहती है. वैसे भी नीतीश कुमार के बीजेपी के साथ जाने के बाद सपा को कांग्रेस पर अपना दबाव बढ़ाने का मौका मिल गया है. इसी कारण से उन्होंने सबसे पहले कांग्रेस को बिना बताए ही रालोद के साथ गठबंधन कर लिया और उन्हें सात सीटें भी दे दी.
जब तक यह चल ही रहा था कि इसी बीच सपा ने कांग्रेस को 11 सीटें देने की घोषणा कर दी. इसके बाद 16 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा भी कर दी. मगर जब जयंत चौधरी बीजेपी के साथ चले गए तो कांग्रेस को 17 सीटों की पेशकश कर दी गई. इस पूरे घटनाक्रम पर कांग्रेस के लोग ज्यादा खुश नहीं हैं. इससे एक बात तो बिलकुल साफ है कि सपा सीट शेयरिंग अपने हिसाब से ही करेगी. वह यूपी में कांग्रेस को भाव देने वाले नहीं हैं.