वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज अपना पहला अंतरिम बजट पेश किया. साल 2024 में होने वाले आम चुनावों से पहले मोदी सरकार का ये आखिरी बजट है. बजट में आयकरदाताओं को कोई राहत नहीं दी गई है. 7 लाख रुपये के टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है. अंतरिम बजट में इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं करने का ऐलान किया है. इनकम टैक्स में राहत नहीं मिलने से मिडिल क्लास के लिए बड़ा झटका है, मिडिल क्लास बार वो स्लैब में राहत मिलने की उम्मीदों के साथ बजट का इंतजार करता है.
अपने बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि पिछले 10 साल में इनकम टैक्स फाइल करने वाले लोगों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी देखी गई है. यह सरकार के लिए अच्छी बात है. वित्त मंत्री सीतारमण ने टैक्स चुकाने वाले लोगों का धन्यवाद करते हुए कहा कि सरकार ने टैक्स की दरों में कमी की है. नए टैक्स रेजीम में 7 लाख रुपए तक की आमदनी पर कोई भी टैक्स नहीं है. वित्ता वर्ष 2013-14 में यह रकम 200000 रुपये थी. खुदरा कारोबार के लिए इनकम टैक्स राहत की लिमिट 2 करोड़ से बढ़कर 4 करोड़ कर दी गई है.
कॉरपोरेट टैक्स कम और प्रोफेशनल टैक्स 75 लाख रुपये तक बढ़ी
इसी तरह प्रोफेशनल के लिए 50 लाख रुपए की सीमा को बढ़ाकर 75 लाख रुपये की गई है. वहीं, कॉरपोरेट टैक्स की दर 30 फीस दिन से घटकर 22 फीसदी की गई है. नए मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के लिए यह दर 15% कर दी गई है. पिछले 5 साल में मोदी सरकार ने टैक्स चुकाने वाले लोगों को अधिक से अधिक सुविधा देने की कोशिश की है. इसीलिए भारत सरकार ने फेसलेस टैक्स एसेसमेंट की शुरुआत की है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि 93 दिन से टैक्स एसेसमेंट की समय सीमा घटकर अब 10 दिन कर दी गई है इससे लोगों को जल्दी रिफंड मिलने लगा है.