राहुल गांधी के करीबी दोस्त माने जाने वाले वरिष्ठ कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया है। इसके साथ ही सबसे पुरानी पार्टी के साथ उनके परिवार का 55 साल का रिश्ता खत्म हो गया। देवड़ा के फैसले से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। मिलिंद देवड़ा और उनके परिवार का भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से लंबा रिश्ता रहा है। मिलिंद के पिता मुरली देवड़ा कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार किए जाते थे और वह यूपीए सरकार के पहले कार्यकाल में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री और कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्री रहे।
लगातार हार से कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं का विश्वास डगमगाया हुआ है। यही वजह है कि हाल के सालों में पार्टी के कई बड़े नामों ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। अब इस कड़ी में नया नाम पार्टी के युवा चेहरे मिलिंद देवड़ा का भी जुड़ गया है। मिलिंद देवड़ा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा कर कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का एलान किया। मिलिंद देवड़ा की गिनती कांग्रेस के युवा चेहरों में होती थी, लेकिन अब उनके जाने से महाराष्ट्र में पार्टी को झटका लगेगा।
मिलिंद ने इस वजह से छोड़ी कांग्रेस
मिलिंद देवड़ा कांग्रेस छोड़कर एकनाथ शिंदे की शिवसेना में शामिल होंगे। दरअसल मिलिंद देवड़ा जिस दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं, उस सीट के गठबंधन के तहत शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के पास जाने की चर्चाएं हैं। दक्षिण मुंबई सीट पर पिछली दो बार से (2014 और 2019) शिवसेना के अरविंद सावंत चुनाव जीतते आ रहे हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि शिवसेना इस बार भी दक्षिण मुंबई सीट पर अपनी दावेदारी कर रही है। चूंकि कांग्रेस का महाराष्ट्र में शिवसेना (उद्धव) और एनसीपी के साथ गठबंधन है। ऐसे में गठबंधन के तहत मिलिंद देवड़ा को दक्षिण मुंबई सीट छोड़नी पड़ सकती थी।
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम अशोक चव्हाण का कहना है कि गठबंधन के तहत दक्षिण मुंबई सीट पर मौजूदा सांसद को ही टिकट देने पर लगभग सहमति बन गई है। मिलिंद देवड़ा साउथ मुंबई लोकसभा सीट पर समझौते के लिए तैयार नहीं थे। ऐसे में माना जा रहा है कि अब मिलिंद देवड़ा एकनाथ शिंदे की शिवसेना में शामिल होकर दक्षिण मुंबई सीट से ही चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। कांग्रेस से इस्तीफे के बाद मिलिंद देवड़ा ने अपने बयान में कहा कि ‘वे विकास के रास्ते पर चल रहे हैं।’
देवड़ा परिवार का कांग्रेस से 55 साल पुराना रिश्ता
मिलिंद देवड़ा और उनके परिवार का भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से लंबा रिश्ता रहा है। मिलिंद के पिता मुरली देवड़ा कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार किए जाते थे और वह यूपीए सरकार के पहले कार्यकाल में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री और कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्री रहे। मुरली देवड़ा तीन बार दक्षिण मुंबई सीट से लोकसभा सांसद रहे। बीते पांच दशकों से देवड़ा परिवार कांग्रेस से जुड़ा रहा है। मिलिंद देवड़ा ने भी जब कांग्रेस छोड़ने का एलान किया तो उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि वह कांग्रेस पार्टी के साथ अपने 55 सालों के रिश्ते का भी अंत कर रहे हैं। मुरली देवड़ा को पूर्व पीएम राजीव गांधी का करीबी माना जाता था और साल 1999 में महाराष्ट्र में कांग्रेस की सरकार को सत्ता में लाने में उनकी अहम भूमिका थी। मिलिंद देवड़ा का कांग्रेस से इस्तीफे एक युग का अंत माना जा रहा है।
देश के सबसे युवा सांसदों में से एक रहे
मिलिंद देवड़ा का जन्म 4 दिसंबर 1976 को मुंबई में हुआ। मिलिंद के पिता मुरली देवड़ा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा हैं। पिता की राह पर चलते हुए मिलिंद भी राजनीति में आए और कांग्रेस पार्टी से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। मिलिंद देवड़ा ने अमेरिका की बोस्टन यूनिवर्सिटी से प्रबंधन में स्नातक किया है। राजनीति में आने से पहले मिलिंद देवड़ा ने अमेरिका और भारत में कॉरपोरेट सेक्टर में विभिन्न पदों पर काम किया। साल 2008 में उन्होंने फिल्म निर्माता मनमोहन शेट्टी की बेटी पूजा शेट्टी से शादी की थी। मिलिंद देवड़ा की पत्नी पूजा शेट्टी एक फिल्म निर्माण कंपनी में मैनेजिंग डायरेक्टर के पद पर हैं। मिलिंद देवड़ा ने साल 2004 में दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे और उनका नाम देश के सबसे युवा सांसदों में भी शुमार है। इसके बाद वह 2009 के लोकसभा चुनाव में भी दक्षिण मुंबई सीट से जीत दर्ज करने में सफल रहे। हालांकि 2014 और 2019 के आम चुनाव में मिलिंद देवड़ा को हार का सामना करना पड़ा।
यूपीए की सरकार में मंत्री भी रहे
यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल में मिलिंद देवड़ा केंद्रीय नौका परिवहन मंत्रालय और कम्युनिकेशन एंड आईटी मंत्रालय में राज्यमंत्री भी रहे। मिलिंद कांग्रेस में अखिल भारतीय संयुक्त कोषाध्यक्ष और मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। मिलिंद देवड़ा की खेलों में भी रुचि है और वह क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया और बॉम्बे जिमखाना आदि के सदस्य भी हैं।
मिलिंद देवड़ा के पार्टी छोड़ने के बाद पार्टी के कुछ नेता उन्हें अपने फैसले पर फिर से विचार करने की सलाह दे रहे हैं, तो वहीं कुछ उनपर जमकर हमला बोल रहे।
मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा ने उस दिन पार्टी छोड़ने का फैसला लिया, जिस दिन राहुल गांधी के नेतृत्व वाली ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ हिंसाग्रस्त मणिपुर से शुरू हो रही है। गायकवाड़ ने कहा कि देवड़ा को अपने फैसले पर एक बार फिर से विचार करना चाहिए।
वहीं, महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने देवड़ा के इस्तीफे को भारत जोड़ो न्याय यात्रा से ध्यान हटाने के लिए भारतीय जनता पार्टी की एक चाल बताया। साथ ही उन्होंने देवड़ा का ‘दो बार हारा उम्मीदवार’ कहकर मजाक उड़ाया। इसके अलावा, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि देवड़ा दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे।
कांग्रेस हमेशा उनके साथ खड़ी रही
गायकवाड़ ने एक वीडियो जारी कर दक्षिण मुंबई के पूर्व सांसद से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि देवड़ा का परिवार और कांग्रेस परिवार एक है। उन्होंने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देवड़ा ने उस दिन पद छोड़ने का फैसला किया जब मणिपुर से भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू हो रही है। मैं उनसे अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह करती हूं। कांग्रेस हमेशा उनके साथ खड़ी रही है।’
उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी इससे बेहद दुखी है। उन्हें यह समझाने के लिए कि हम परिवार हैं और हमें एक साथ रहना है। इसके लिए एआईसीसी प्रभारी और मैंने मिलिंद देवड़ा के साथ बातचीत करने की कोशिश की।’
पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य अशोक चव्हाण ने कहा कि देवड़ा दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। उन्हें कोई और मौका मिल सकता था, लेकिन पद छोड़ना उनका फैसला है।
यात्रा से ध्यान भटकाने के लिए…
शिवसेना के अरविंद सावंत, जो अब ठाकरे गुट के साथ हैं, ने 2014 और 2019 के आम चुनावों में देवड़ा को हराया था। इस पर नाना पटोले ने कहा कि भाजपा भारत जोड़ो न्याय यात्रा से डरी हुई है। इसलिए वह अफवाह फैला रही है कि कांग्रेस टूट जाएगी। अब भाजपा और उसके सहयोगी यात्रा से ध्यान भटकाने के लिए दो बार हारे हुए उम्मीदवार को अपने साथ ले जा रहे हैं। यह प्रयास सफल नहीं होगा।
पटोले ने कहा कि यात्रा का समापन मुंबई में होगा और यह एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना, भाजपा और एनसीपी के अजित पवार गुट वाले सत्तारूढ़ गठबंधन का अंत होगा।
देवड़ा का नुकसान है
सांसद गौरव गोगोई ने कहा, ‘हम मणिपुर आए हैं। यहां के लोगों ने हमारा स्वागत किया है क्योंकि केवल कांग्रेस और इंडिया गठबंधन मणिपुर के मुद्दों के बारे में बात करते हैं। इस समय अगर देवड़ा जी नहीं हैं तो यह उनका नुकसान है। इस यात्रा का खुलेआम मणिपुर के लोग स्वागत कर रहे हैं।’
सब सत्ता की राजनीति
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा, ‘सब सत्ता की राजनीति है। खोखे की राजनीति है और कुछ नहीं। हम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुरली देवड़ा को जानते थे। वह एक महान नेता थे। वह कांग्रेस से बहुत जुड़े हुए और वफादार थे।’
आज से लेकर मार्च तक चलेगी यात्रा
गौरतलब है, भारत जोड़ो न्याय यात्रा 14 जनवरी से मणिपुर के थोबल से शुरू होकर महाराष्ट्र के मुंबई में मार्च महीने में समाप्त होनी है। इस दौरान यह देश के विभिन्न 15 राज्यों से होकर गुजरेगी। भारत जोड़ो न्याय यात्रा पहले मणिपुर की राजधानी इंफाल से शुरू होनी थी, लेकिन राज्य सरकार से अनुमति ना मिलने के बाद अब यह थौबुल से शुरू हो रही है।
67 दिन में 15 राज्यों और 110 जिलों से होकर गुजरेगी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’
लोकसभा चुनाव से पहले निकाली जा रही यह यात्रा 67 दिन में 15 राज्यों और 110 जिलों से होकर गुजरेगी। ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान लगभग 6,700 किलोमीटर की दूरी तय की जायेगी। यात्रा ज्यादातर बस से होगी, लेकिन कहीं-कहीं पदयात्रा भी होगी। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सात सितंबर 2022 से 30 जनवरी 2023 तक कन्याकुमारी से कश्मीर तक ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाली थी। उनकी 136 दिन की इस पदयात्रा में 12 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों के 75 जिलों और 76 लोकसभा क्षेत्रों से गुजरते हुए 4,081 किलोमीटर की दूरी तय की गई थी।