भारतीय तट के पास अरब सागर में एक मर्चेंट शिप पर ड्रोन हमले के कारण विस्फोट हुआ और आग लग गई. हालांकि इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक जहाज के चालक दल में 20 भारतीय शामिल हैं. एक भारतीय तटरक्षक मर्चेंट जहाज एमवी केम प्लूटो की ओर बढ़ रहा है. वह पोरबंदर तट से 217 समुद्री मील दूर है.
कच्चा तेल ले जा रहा यह जहाज सऊदी अरब के एक बंदरगाह से चला था और मंगलुरु की ओर जा रहा था. रक्षा अधिकारियों ने कहा कि भारतीय विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र में गश्त कर रहे तटरक्षक जहाज आईसीजीएस विक्रम को संकट में फंसे मर्चेंट शिप की ओर जाने के निर्देश दिए गए. तटरक्षक पोत ने क्षेत्र के सभी जहाजों को सहायता करने के लिए सतर्क कर दिया है.
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, जहाज पर लगी आग बुझ गई है लेकिन इससे जहाज के कामकाज पर असर पड़ा है. क्रू के सभी सदस्य सुरक्षित हैं.
मामले की जांच में जुटे अधिकारी
ब्रिटिश सेना के यूनाइटेड किंगडम मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशंस और समुद्री सुरक्षा फर्म एंब्रे के मुताबिक, भारत के तट पर संदिग्ध हमले के कारण जहाज पर आग लग गई। यूनाइटेड किंगडम मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशंस ने कहा कि हमला अनक्रूड एरियल सिस्टम द्वारा किया गया था। फिलहाल, अधिकारी इस मामले की गहन जांच कर रहे है।
भारतीय तटरक्षक जहाज मदद के लिए रवाना
रक्षा अधिकारी ने कहा, “भारतीय तटरक्षक जहाज ICGS विक्रम पोरबंदर अरब सागर में उस व्यापारिक जहाज एमवी केम प्लूटो की ओर बढ़ रहा है। जहाज में कच्चा तेल है और यह सऊदी अरब के एक बंदरगाह से मैंगलोर की ओर जा रहा था। प्राप्त जानकारी के अनुसार, आग तो बुझ गई है, लेकिन इसका असर कामकाज पर पड़ा है। चालक दल के सभी सदस्य सुरक्षित हैं, जिनमें करीब 20 भारतीय भी शामिल हैं। आईसीजीएस विक्रम ने क्षेत्र के सभी जहाजों को सहायता प्रदान करने के लिए सतर्क कर दिया है।”
भारतीय नौसेना के अधिकारी ने कहा, “आसपास के क्षेत्र में भारतीय नौसेना के युद्धपोत भी भारतीय ईईजेड के बाहर अरब सागर में व्यापारी जहाज एमवी केम प्लूटो की ओर बढ़ रहे हैं।”
जहाज ने आखिरी बार सऊदी अरब संपर्क किया था
आग से जहाज के काम करने की कैपेसिटी पर असर पड़ा है। ब्रिटिश मिलिट्री के मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशन्स ने बताया कि जहाज भारत के वेरावल से करीब 200 समुद्री मील की दूरी पर था। हालांकि यह भारत के एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन (EEZ) से दूर था।
फिलहाल किसी ने भी हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। जहाज से आखिरी बार सऊदी अरब संपर्क किया गया था।
हूती विद्रोहियों ने भारत आ रहा कार्गो जहाज हाईजैक किया था
इससे करीब एक महीने पहले हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में एक कार्गो शिप गैलेक्सी लीडर को हाईजैक कर लिया था। यह जहाज तुर्किये से भारत आ रहा था। हूती विद्रोहियों ने इसे इजराइली जहाज समझ कर हाईजैक किया था।
वारदात से पहले हूती समूह ने इजराइली जहाजों पर हमले की चेतावनी दी थी। हूती विद्रोहियों के एक स्पोक्सपर्सन ने कहा कि इजराइल की तरफ से चलने वाले सभी जहाजों को निशाना बनाया जाएगा।

समुद्री लुटेरे से माल्टा का जहाज बचाने गई थी भारतीय नौसेना
वहीं एक हफ्ते पहले समुद्री लुटेरों ने भी माल्टा के एक जहाज पर हमला कर दिया था। इसके बाद भारतीय नौसेना ने अपना एक युद्धपोत अदन की खाड़ी में हाईजैक हुए जहाज MV रुएन की मदद के लिए भेजा था।
द मैरीटाइम एग्जीक्यूटिव की रिपोर्ट के मुताबिक हाईजैक हुआ जहाज कोरिया से तुर्किये की तरफ जा रहा था। तभी सोमालिया के समुद्री लुटेरों ने उस पर हमला कर दिया। जहाज से जब आखिरी बारी कॉन्टेक्ट हुआ, तब वो अरब सागर में सोकोट्रा आइलैंड से यमन की तरफ 380 नॉटिकल मील की दूरी पर था।
गौरतलब है कि सोमवार को अपहृत माल्टा के झंडे वाले मालवाहक जहाज से एक घायल नाविक को निकालने में भारतीय नौसेना ने मदद की थी. इसके कुछ दिनों बाद यह घटना हुई है. बताया गया था कि अरब सागर में छह “समुद्री डाकू” अवैध रूप से जहाज एमवी रुएन पर सवार हो गए थे.
हाल ही में समुद्री डाकुओं ने किया था अपहरण
हाल ही में भारतीय नौसेना ने एक अपहृत माल्टा ध्वज वाले मालवाहक जहाज से एक घायल नाविक को निकालने में मदद की थी, इसके कुछ दिन बाद ही आज यह जानकारी सामने आई है। दरअसल, अरब सागर में छह समुद्री डाकू अवैध रूप से जहाज एमवी रुएन पर चढ़ गए थे और उसका अपहरण कर लिया था।