कोरोना वायरस ने एक बार फिर से दुनिया को अपनी गिरफ्त में लेना शुरू कर दिया है. हालांकि, मौक के मामलों में थोड़ी कमी देखी गई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अपने ताजा अपडेट में कहा कि 3,000 से अधिक नई मौतों के साथ पिछले 28 दिनों की अवधि की तुलना में इस वायरस से मरनेवालों की संख्या में 8 प्रतिशत की कमी आई है.
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि पिछले चार हफ्तों के दौरान नए कोविड मरीजों की संख्या में 52 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. वैश्विक स्वास्थ्य निकाय ने कोरोना वायरस के ‘जेएन.1’ स्वरूप के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ करार दिया है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, यह अब ‘ग्लोबल इनिशिएटिव ऑन शेयरिंग ऑल इन्फ्लुएंजा डेटा’ (जीआईएसएआईडी) से जुड़े बीए.2.86 वंशानुक्रम (लीनिएज) से संबंधित है.
हाल में ‘जेएन.1’ स्वरूप के मामले कई देशों में सामने आए हैं और दुनिया में इस स्वरूप के मामले बढ़ रहे हैं. भारत में भी इस स्वरूप का मामला सामने आया है. भारत के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, ‘जेएन.1’ के मामले अमेरिका, चीन, सिंगापुर और भारत में पाए गए हैं. चीन में इस स्वरूप के सात मामले सामने आए हैं.
भारत में कोविड-19 के 752 नए मामले, चार मरीजों की मौत
दूसरी ओर, भारत में बीते 24 घंटे में कोविड-19 के 752 नए मामले दर्ज किए गए और उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 3,420 हो गई है. देश में 21 मई 2023 के बाद से एक दिन में सामने आए कोरोना वायरस संक्रमण के ये सबसे अधिक मामले हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से शनिवार सुबह आठ बजे तक अपडेट आंकड़ों के अनुसार, देश में अब तक सामने आए कोविड-19 के मामलों की कुल संख्या 4.50 करोड़ (4,50,07,964) है. देश में बीते 24 घंटे में संक्रमण से चार लोगों की मौत होने के कारण इस महामारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 5,33,332 हो गई है.
देश के अन्य शहरों में कोरोना के बढ़ते केस के मद्देनजर बिहार में भी सतर्कता बरती जा रही है। इसकी रोकथाम के लिए शुक्रवार को एडवाइजरी जारी की गई। पटना, गया और दरभंगा एयरपोर्ट पर उतरने वाले यात्रियों की रैंडम सैंपलिंग होगी। शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने यह निर्देश दिया।
राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के प्राचार्य और अधीक्षक, जिला अस्पताल समेत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी, सभी सिविल सर्जन के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अपर मुख्य सचिव ने कहा कि कोरोना की आरटी-पीसीआर जांच की संख्या बढ़ाई जाए।
अस्पताल में आने वाले सभी लोगों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य हो। कोरोना के लक्षण लेकर अस्पताल आने वाले सभी मरीजों की जांच की जाए। अस्पताल के चिकित्सक, नर्स, पारा मेडिकल स्टाफ और कर्मचारियों के लिए पहले ही मास्क अनिवार्य किया जा चुका है।
इस बीच, राहत की बात यह है कि शुक्रवार को यहां कोरोना का एक भी मरीज नहीं मिला है। सरकारी के अलावा प्राइवेट अस्पताल, नर्सिंग होम, प्राइवेट लैब यदि कोरोना की जांच कर रहे हों तो उसकी रिपोर्ट नियमित पोर्टल पर अपलोड करने को कहा गया है।
कोरोना के अबतक मिले वैरिएंट से यह कम खतरनाक
कोरोना के जितने भी वैरिएंट हैं, उनकी अपेक्षा नया वैरिएंट जेएन.1 कम खतरनाक है। हालांकि क्रोनिक बीमारियों जैसे कैंसर, किडनी, लिवर, हार्ट, बीपी, शुगर के मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। क्योंकि, जिनकी मौत हुई है, वे पहले से किसी अन्य बीमारी से ग्रस्त थे।
इनमें से एक 65 साल की महिला मरीज शुगर और बीपी के अलावा अन्य बीमारियों से पीड़ित थी। नए वैरिएंट की मोर्टिलिटी रेट भी काफी कम है। लेकिन इसकी इन्फेक्शन रेट अधिक है। वैसे अभी तक बिहार में नए वैरिएंट की पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि, कोरोना के जो मरीज मिले हैं, उनके सैंपल की जिनोम सिक्वेसिंग कराई जाएगी। जिनोम सिक्वेंसिंग के बाद ही पता चल पाएगा कि कोरोना का कौन-सा वैरिएंट यहां के लोगों को संक्रमित कर रहा है।