जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में सोमवार (18 दिसंबर) को भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 5.5 मापी गई है. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, तीन बजकर 48 मिनट पर आए भूकंप का केंद्र करगिल में 10 किलोमीटर जमीन के नीचे था. इसके झटके कश्मीर में भी महसूस किए गए.
इसके बाद आफ्टरशॉक भी महसूस किए गए. 4 बजकर एक मिनट पर लद्दाख (Ladakh) में आए इस भूकंप की तीव्रता 3.8 मापी गई. 4 बजकर एक मिनट पर ही जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के किश्तवार में भूकंप के झटके महसूस किए गए. इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.8 मापी गई. फिर 4 बजकर 18 मिनट पर किश्तवार में ही एक और भूकंप के झटके लगे. इसकी तीव्रता 3.6 थी. वहीं इससे पहले 11 बजकर 38 मिनट पर पाकिस्तान में 4.0 की तीव्रता के भूकंप आए.
इतनी तीव्रता का था भूकंप
नेशनल सेंटर फोर सिस्मोलॉजी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.5 मापी गई है। वहीं, कई अन्य रिपोर्ट्स के अनुसार, ये भूकंप 5.7 तीव्रता का था। बता दें कि इस स्तर के भूकंप को खतरनाक माना जाता है। नेशनल सेंटर फोर सिस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप सोमवार को दोपहर 3 बजकर 48 मिनट पर आया। इस भूकंप का केंद्र लद्दाख के करगिल में धरती के 10 किलोमीटर भीतर में था।
लगातार 4 बार भूकंप
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोग एक भूकंप से उबरे ही थे कि एक बार फिर से 4 बजकर 1 मिनट पर लोगों को दूसरी बार भूकंप के झटके लगे। इस बार भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.1 मापी गई। वहीं, इसका केंद्र जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में धरती के 16 किलोमीटर भीतर बताया गया है। वहीं, तीसरा भूकंप भी 4 बजकर 1 मिनट पर आया जिसकी तीव्रता 3.8 बताई गई है। इसका केंद्र भी धरती के 10 किमी भीतर बताया जा रहा है। वहीं, भूकंप का चौथा झटका 4 बजकर 18 मिनट पर लगा। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.6 मापी गई और इसका केंद्र जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में धरती के 10 किमी नीचे था।
क्यों आते हैं भूकंप?
हाल के दिनों में देश-दुनिया के कई इलाकों में भूकंप की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी जा रही है। हमारी धरती के भीतर 7 टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। ये प्लेट्स लगातार अपने स्थान पर घूमते रहती हैं। हालांकि, कभी-कभी इनमें टकराव या घर्षण भी होता है। इसी कारण धरती पर भूकंप की घटनाएं देखने को मिलती हैं।