खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या और गुरपतवंत सिंह पन्नू को लेकर अमेरिका की ओर से जिस प्रकार के बयान सामने आए हैं उससे दोनों देशों के बीच टेंशन बढ़ सकती है। अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (USCIRF) ने हाल ही में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति पर भारत को विशेष चिंता वाले देश के रूप में नामित करने के लिए कहा। इसके साथ ही कई प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है। USCIRF ने एक बार फिर मामले को आगे बढ़ाते हुए कहा कि कनाडा में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की कथित भूमिका और संयुक्त राज्य अमेरिका में गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के आरोप परेशान करने वाले हैं। यह पहली बार नहीं है कि यूएससीआईआरएफ ने भारत से फटकार के बावजूद प्रतिबंध लगाने की बात कर रहा है। इसने अपनी पिछली तीन वार्षिक रिपोर्टों में से प्रत्येक में भारत को विशेष चिंता वाले देश के रूप में नामित करने की सिफारिश की है।
USCIRF ने अपनी रिपोर्ट में भारत पर लगाए कई आरोप
USCIRF ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति लगातार खराब होती गई। राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर धार्मिक भेदभावपूर्ण नीतियों को बढ़ावा दिया गया। अपने नई रिपोर्ट में यूएससीआईआरएफ ने भारतीय अधिकारियों पर धार्मिक अल्पसंख्यकों की ओर से वकालत करने वाले पत्रकारों और कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने और डराने-धमकाने का आरोप लगाया है। USCIRF कमिश्नर स्टीफन श्नेक ने एक बयान में कहा कि आयोग धार्मिक अल्पसंख्यकों और उनकी ओर से वकालत करने वालों जिस प्रकार निशाना बनाया जा रहा है उससे वह चिंतित हैं।
कुछ नया नहीं… भारत की ओर से भी दिया गया जवाब
USCIRF कमिश्नर ने कहा कि विदेशों में कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और वकीलों को चुप कराने के भारत सरकार के हालिया प्रयास धार्मिक स्वतंत्रता के लिए गंभीर खतरा हैं। USCIRF की वार्षिक रिपोर्ट पर भारत की ओर से भी सख्त टिप्पणी की गई। विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग ने इस बार अपनी वार्षिक रिपोर्ट में भारत के बारे में पक्षपातपूर्ण टिप्पणियों को जारी रखा है। बिना किसी तथ्य के ऐसी गलत बयानबाजी को खारिज करते हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि ऐसी बयानबाजी से केवल USCIRF की छवि को ही नुकसान पहुंचता है। हम USCIRF को ऐसी कोशिश से दूर रहने और भारत के बारे समझ बेहतर करने का आग्रह करते हैं।
गुरपतवंत सिंह पन्नू के मामले ने पकड़ा तूल
वहीं खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश रचने का मामला तूल पकड़ते जा रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासनिक अधिकारियों ने शुक्रवार को पांच भारतीय-अमेरिकी सांसदों को भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर मुकदमा चलाए जाने की जानकारी दी। गुप्ता पर अमेरिका में सिख अलगाववादी नेता की हत्या की कोशिश की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। गुप्ता पर मुकदमा चलाए जाने को लेकर बाइडेन प्रशासन से जानकारी मिलने के बाद इनकी ओर से एक संयुक्त बयान जारी किया गया। इनकी ओर से कहा गया कि पन्नू केस भारत-अमेरिका रिश्तों के लिए खतरा बन सकता है। बयान में कहा गया हमारा मानना है कि अमेरिका और भारत के बीच साझेदारी ने दोनों देशों के लोगों के जीवन पर सार्थक प्रभाव डाला है लेकिन हमें चिंता है कि मुकदमे में जिक्र समस्याओं को अगर उचित रूप से हल नहीं किया गया तो इससे साझेदारी को नुकसान पहुंच सकता है।