बिहार में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए आयोजित दो दिवसीय बिहार बिजनेस कनेक्ट 2023 (ग्लोबल इन्वेस्टर समिट) काफी सफल रहा। समिट के दौरान कुल 302 कंपनियों के साथ 50,530 करोड़ रुपये के निवेश समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इससे राज्य में लाखों लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। समिट के पहले दिन: लगभग 26 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों पर एमओयू किए गए। वहीं समिट के दूसरे दिन 24045.15 करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश प्रस्ताव मिले। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में बड़ी कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ उद्योग विभाग ने एमओयू किए।
अडानी ग्रुप बिहार में करेगा 8700 करोड़ का निवेश
यह निवेश खाद्य प्रसंस्करण, वस्त्र, इंजीनियरिंग, आईटी, नवीकरणीय ऊर्जा और पर्यटन सहित विभिन्न क्षेत्रों में होगा। कार्यक्रम के दौरान अडानी ग्रुप के निदेशक प्रणव अडानी ने 8700 करोड़ का निवेश करने का ऐलान किया। वहीं नाहर ग्रुप इंडस्ट्री के अध्यक्ष एवं सीएमडी कमल ओसवाल ने बताया कि कि उनका समूह बिहार में 300 करोड़ की लागत से लॉजिस्टिक पार्क बना रहा है। एएमडी के चीफ इंफॉर्मेशन ऑफिसर हंसमुख रंजन ने बिहार में अपनी-अपनी कंपनियों द्वारा किए जा रहे निवेश के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
जनरल मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर
क्रमांक | कंपनी | निवेश (करोड़ रुपये) |
1 | भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड | 7386.15 |
2 | हॉल्टेक इंटरनेशनल | 2200 |
3 | स्टार सीमेंट | 1000 |
4 | अल्ट्राटेक सीमेंट | 1000 |
5 | जे के लक्ष्मी सीमेंट | 1000 |
6 | श्री सीमेंट | 650 |
7 | एचपीसीएल | 600 |
8 | कुल | 13836.15 |
क्रमांक | कंपनी | निवेश (करोड़ रुपये) |
1 | पटेल एग्री इंडस्ट्रीज (नालंदा) | 5230 |
2 | देव इंडिया प्रोजेक्ट | 1600 |
3 | भारत ऊर्जा डिस्टेलरी | 614 |
4 | मेसर्स भारत प्लस इथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड (बक्सर) | 565 |
5 | कुल | 8009 |
सर्विस सेक्टर
क्रमांक | कंपनी | निवेश (करोड़ रुपये) |
1 | इंडो यूरोपियन हार्ट हॉस्पीटल एंड रिसर्च (पटना) | 2000 |
2 | सीटीआरएल | 200 |
3 | कुल | 2200 |
नीतीश सरकार का मानना है कि इन निवेशों से राज्य में औद्योगिक विकास को गति मिलेगी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। निवेश से राज्य के समग्र विकास में योगदान मिलेगा। सीएम नीतीश कुमार ने बिहार समिट में आए बिजनेस ग्रुप के प्रतिनिधियों को सरकार की तरह से हर संभव मदद का भरोसा दिया।
2 साल के भीतर सभी एमओयू को जमीन पर उतारने की तैयारी
इंडस्ट्री डिपार्टमेंट के अपर मुख्य सचिव संदीप पॉन्ड्रिक की मानें तो बिहार उद्योग और निवेश को लाने के क्रम में MOU पहली सीढ़ी है, जिसे सफलतापूर्वक हासिल किया गया है। इसके बाद इन्हें धरातल पर उतारने की की चुनौती है।
उन्होंने बताया कि अगले 3 साल में सभी MOU को इंडस्ट्री में तब्दील करने की तैयारी है। इसके लिए सबसे जरूरी काम लैंड क्लीयरैंस का है। इसकी तैयारी अभी से शरू हो गई कर दी गई है।
उत्तर बिहार में सबसे ज्यादा जमीनें, इसलिए निवेश भी वहीं
ग्लोबल समिट के दौरान इन्वेस्टमेंट के सबसे ज्यादा प्रस्ताव उत्तर बिहार के लिए आए हैं। कंपनियां मुजफ्फरपुर, दरभंगा, चंपारण जैसे जिलों में इन्वेस्ट करने में दिलचस्पी दिखा रही हैं। कुछ कंपनियां तो ऐसी भी हैं, जिनका प्लांट पहले ही मुजफ्फरपुर और दरभंगा जैसे जिलों में चल रहा है। वे अपना अलग प्लांट भी उन्हीं जिलों में लगाना चाहते हैं।
इस सवाल पर उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव ने बताया कि उत्तर बिहार में ज्यादा जमीनें हैं। वहां पर्याप्त मात्रा में पानी और रॉ-मैटिरियल भी है। इसलिए ज्यादा इंडस्ट्री वहां दिलचस्पी दिखा रही है।
उन्होंने बताया कि दक्षिण बिहार में भी इंडस्ट्री का विस्तार किया जा रहा है। फिलहाल गया के डोभी में 16 सौ एकड़ का इंडस्ट्रियल एरिया डेवलेप किया जा रहा है। 24 एकड़ का टैक्स्टाइल एरिया डेवलप किया जा रहा है। नवादा में भी सीमेंट प्लांट शुरू किया जा रहा है।
फूड प्रोसेसिंग और टैक्स्टाइल एंड लेदर में सबसे ज्यादा मौके
सरकार और उद्यमी की तरफ से बिहार में 4 सेक्टर में निवेश के लिए चुना गया है। इसमें मुख्य रूप से फूड प्रोसेसिंग, टैक्स्टाइल एंड लेदर, आईटी और जनरल मैन्युफैक्चरिंग है।
संदीप पॉन्ड्रिक कहते हैं कि इंडस्ट्री आती है तो देखती है कि उन्हें किस राज्य में क्या मिलने वाला है। बिहार का स्ट्रैंथ है कि यहां स्किल्ड और अनस्किल्ड ह्यूमन रिसोर्स बेहतर है। रॉ-मैटेरियल अच्छा है। इंफ्रास्ट्रक्चर अच्छा है। इस लिहाज से इन चार सेक्टर को ज्यादा विकसित किया गया है।