इजराइल और हमास में 7 अक्टूबर से जंग की शुरुआत हुई। इस जंग के बीच हमास के ‘काले कारनामों’ पर इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों पर सवाल उठाए हैं। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इजरायली महिलाओं के खिलाफ हमास द्वारा किए गए रेप और अन्य अत्याचारों के बारे में चुप्पी साधने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों, महिला समूहों और संयुक्त राष्ट्र की कड़ी आलोचना की है।
‘दुनिया की सरकारें इजराइली लोगों पर हुए अत्याचार पर बोलें’
नेतन्याहू ने कहा “मैं सभी सभ्य नेताओं, सरकारों, देशों से इस अत्याचार के खिलाफ बोलने की उम्मीद करता हूं।’ उन्होंने तेल अवीव में रक्षामंत्री योव गैलेंट और मंत्री बेनी गैंट्ज़ के साथ एक संवाददाता सम्मेलन में यह टिप्पणी की। द टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के अनुसार नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने रिहा किए गए बंधकों और पहले भी बंधक बनाए गए लोगों के रिश्तेदारों से मुलाकात की। इस मुलाकात को वहां मौजूद लोगों ने शत्रुतापूर्ण और तूफानी बताया।
जानिए क्या बोले इजराइली रक्षामंत्री?
द टाइम्स ऑफ इजराइल के अनुसार, रक्षामंत्री योव गैलेंट ने कहा कि हमास पर दबाव बनाना जरूरी था, तभी बंधकों को घर वापस लाया जा सकता था, इसलिए आईडीएफ ने जमीनी हमले भी किए। गैलेंट ने कहा कि “जमीनी ऑपरेशन के लिए मानवीय सहायता की आवश्यकता होती है और यह सैन्य दबाव को सक्षम करने के लिए न्यूनतम मानवीय सहायता प्रदान करता है।” गाजा में ईंधन देने पर, गैलेंट का कहना है कि, बदले में, इज़राइल को “मांग करने का अधिकार” है कि हमास रेड क्रॉस को बंधकों से मिलने की अनुमति देने के अपने दायित्व का सम्मान करे या कम से कम दवाएं प्रदान करे और अन्य आवश्यकताओं का ध्यान रखे।