छत्तीसगढ़ के गठन के बाद इस राज्य में हुए विधानसभा चुनावों में पहली बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सबसे बड़ी जीत की है। भाजपा ने राज्य विधानसभा चुनाव के लिए रविवार को आये परिणाम में 54 सीटों जीत दर्ज की है। यह साल 2000 में राज्य गठन के बाद से हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा की अब तक की सबसे बड़ी जीत है ।
भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़ में पिछले विधान सभा चुनाव के मुकाबले इस बार 39 सीटें बढ़ाते हुए 54 सीटों पर शानदार जीत हासिल की है. इसके साथ ही 5 साल बाद भाजपा ने प्रदेश की सत्ता में पुनर्वापसी की है. वहीं, कांग्रेस ने तमाम एजेंसियों के पूर्वानुमानों के विपरीत सत्ता गंवा दी और 35 सीटों पर सिमट गई है. 1 सीट अन्य के खाते में गई है. चुनाव परिणामों को देखते हुए कहा जा सकता है कि प्रदेश में भाजपा की लहर थी, लेकिन राजनीतिक विशेषज्ञ इसे पकड़ पाने में नाकाम रहे. भाजपा और कांग्रेस के बीच वोट प्रतिशत में करीब 4 प्रतिशत का अंतर है. कहा जा सकता है कि भाजपा के लिए छत्तीसगढ़ की जनता के मन में एक सकारात्मक भाव था जिसे चुनावी विशेषज्ञ भी समझ नहीं पाए. हालांकि, जब ईवीएम में मतों की गिनती होने लगी तो नतीजे पूर्वानुमानों के बिल्कुल ही उलट आने लगे. भगवा लहर में जहां भूपेश बघेल सरकार के आठ मंत्री भी हार गए वहीं, डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव तक को सत्ता गंवानी पड़ गई. सीएम भूपेश बघेल भी बमुश्किल ही जीत पाए, लेकिन राजनांदगांव से पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह 37 हजार वोटों से बहुत बड़ी जीत हासिल की. लोकसभा चुनाव से पहले विधान सभा चुनाव का यह परिणाम भाजपा के लिए सकारात्मक संदेश लेकर आया है. खास कर आदिवासी बहुल इस राज्य में भाजपा की भगवा लहर का सियासी संदेश और प्रभाव बड़ा माना जा रहा है.
रायगढ़ की बात करें तो यहां कुल 21 राउंड की मतगणना होगी. कलेक्ट्रेड से कड़ी सुरक्षा के बीच पोस्टल बैलेट लेकर स्ट्रॉन्ग रूम पहुंचे हैं. रायगढ़ के चारों विधानसभा रायगढ़, खरसिया, धर्मजयगढ़, लैलूंगा में मतगणना होगी. तो वहीं कांकेर की भानुप्रतापुर और अंतागढ़ सीट के 36 उम्मीदवारों के तकदीर का फैसला आज होगा. पॉलिटेक्निक कॉलेज में मतगणना हो रही है. खात बात यह है कि जिले में पहली बार महिलाओं को मतगणना का कमान सौंपा गया है. अल्फा बेट के आधार पर महिला कर्मचारियों को ड्रेस कोड भी दिया गया है. तीनों विधानसभाओं की मतगणना 14 राउंड में होगी.
नतीजों से पहले राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों की धड़कने बढ़ गई हैं. एक ओर जहां कांग्रेस ने सत्ता में वापसी का दावा किया है तो वहीं दूसरी और बीजेपी ने भी बड़ी जीत की बात कही है. हालांकि एग्जिट पोल में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर बताया गया है. बता दें कि प्रदेश की 90 सीटों में 2 चरणों में विधानसभा चुनाव हुए थे. पहले चरण की वोटिंग 20 सीटों पर तो वहीं दूसरी चरण की वोटिंग 70 सीटों पर हुई थी. इस बार का वोट प्रतिशत 76.31 फीसदी रहा. एग्जिट पोल की मानें तो सूबे में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ा मुकाबला है. अब सभी की निगाहें नतीजों पर टिकी हुई है. मतगणना के लिए निर्वाचन आयोग ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है. काउंटिंग के लिए प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों के लिए 33 जिलों में मतगणना केंद्र बनाए गए है. इतना ही नहीं मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने सभी जिला कलेक्टर और एसपी को आयोग की तरफ से जारी किए निर्देशों को सख्ती से पालन करने को कहा है. वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से शुरू की जाएगी.
मतगणना के लिए सभी विधानसभा क्षेत्र के लिए 14 टेबल लगाए गए हैं. प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों में से कवर्धा में सबसे अधिक 30 चक्रों में मतगणना होगी. इसके बाद कसडोल में 29 राउंड होंगे. वहीं सबसे कम मनेंद्रगढ़ और भिलाई नगर में 12 चक्रों में मतगणना होगी.
90 सीटों वाले छत्तीसगढ़ में दो चरणों में विधानसभा चुनाव हुए. अधिकतर एग्जिट पोल में कांग्रेस की सत्ता में वापसी बताई जा रही है, तो कुछ पोल्स कांग्रेस और बीजेपी में कड़ी टक्कर बता रही है. हालांकि छत्तीसगढ़ के कुछ सीट ऐसे भी हैं जहां दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है. छत्तीसगढ़ के पाटन, राजनांदगांव, अंबिकापुर, रायपुर शहर दक्षिण, सक्ती, कोंटा, कोंडागांव, खरसिया, लोरमी और भरतपुर-सोनहत सीट पर कड़ी टक्कर होगी.
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले ने बताया कि वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से शुरू होगी. इसमेंं सबसे पहले सेवा मतदाताओं के मतों की गणना होगी. सबसे पहले ईटीपीबीएस (इलेक्ट्रानिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलैट सिस्टम) से मिले मतों के क्यूआर कोड की स्कैनिंग की जाएगी. उसके बाद डाक मतपत्रों की गिनती शुरू होगी. साढ़े 8 बजे के बाद सभी टेबलों पर एक साथ मतगणना शुरू होगी.
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले ने बताया कि कड़ी सुरक्षा के बीच मतगणना केन्द्रों में होने वाली मतों की गिनती के दौरान बिना प्राधिकार पत्र के किसी भी व्यक्ति को मतगणना कक्ष में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी. मतगणना के दौरान अभ्यर्थी किसी भी टेबल पर जाकर मतगणना को देख सकेंगे जबकि अभ्यर्थी के अभिकर्ता सिर्फ निर्धारित टेबल पर ही मतगणना का निरीक्षण करेंगे. मतगणना की पूरी कार्रवाई मतगणना प्रेक्षक और सामान्य प्रेक्षक की उपस्थिति और निगरानी में होगी. इस दौरान हर एक राउंड की खत्म होने पर अभ्यर्थी या उनके अभिकर्ता की उपस्थिति और प्रेक्षक की निगरानी में रैंडम आधार पर किसी दो कंट्रोल यूनिट की जांच की जाएगी.
ये आंकड़े दे रहे गवाही
- निर्वाचन आयोग से जारी आंकड़ों के अनुसार, रुझानों में भाजपा को 46.36 फीसदी, कांग्रेस को 42.14 फीसदी, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को 2.10 फीसदी और अन्य को 5.46 फीसदी वोट मिले हैं।
- छत्तीसगढ़ में पहली बार 2003 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को 50 सीट मिली थीं और 39.26 फीसदी मत प्राप्त हुए थे। वहीं पार्टी को 2008 में 50 सीट और 40.33 फीसदी मत, 2013 में 49 सीटें और 41.04 फीसदी वोट और 2018 में 15 सीटे और 32.97 फीसदी मत मिले थे।
- इसी तरह कांग्रेस को 2003 में 37 सीट और 36.71 फीसदी मत, 2008 में 38 सीट और 38.63 फीसदी मत, 2013 में 39 सीट और 40.29 फीसदी वोट और 2018 में 68 सीट और 43.04 फीसदी मत मिले थे। राज्य में बसपा ने इस विधानसभा चुनाव में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) के साथ गठबंधन किया था।
- छत्तीसगढ़ में बसपा को 2003 में दो सीट और 4.45 फीसदी मत, 2008 में दो सीट और 6.11 फीसदी मत, 2013 में एक सीट और 4.27 फीसदी वोट और 2018 में दो सीट एवं 3.87 फीसदी मत मिले थे। जीजीपी ने अभी तक सभी चुनावों में किस्मत आजमाई है, लेकिन सभी में हारी है।
चुनाव से कुछ महीने पहले बीजेपी को मिली संजीवनी
साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में निराशाजनक परिणाम से आहत भाजपा इस चुनाव से एक साल पहले तक लगभग बिखरी हुई नजर आ रही थी और विधानसभा के उपचुनावों और स्थानीय निकायों में हार ने पार्टी को और भी निराश कर दिया था। लेकिन चुनाव से कुछ महीने पहले प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के लगातार दौरों ने यहां भाजपा को संजीवनी प्रदान कर दी। राज्य में चुनाव की घोषणा के बाद ऐसा लगा कि भाजपा का अभियान मुख्य रूप से केंद्र सरकार की योजनाओं और प्रधानमंत्री मोदी की छवि पर आधारित है।
मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ी बीजेपी
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चेहरे को सामने रखकर चुनाव लड़ा है, जिसका फायदा पार्टी को मिलता दिख रहा है। राज्य में अपने चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस सरकार पर आक्रामक रहे प्रधानमंत्री ने ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप घोटाले सहित अन्य कथित घोटालों को लेकर भूपेश बघेल सरकार पर जमकर हमला बोला था। प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस के वादों के सामने अपनी ‘गारंटी’ को लोगों के सामने रखा और कहा कि “मोदी की गारंटी मतलब वादों को पूरा करने की गारंटी” है।