उत्तराखंड के उत्तरकाशी में ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा से डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग (Tunnel) में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन तेज हो गया है। यमुनोत्री हाईवे पर बन रही इस टनल से मलबा हटाने का काम जारी है। उम्मीद की जा रही है कि आज शाम तक कोई अच्छी खबर आ सकती है, रेस्क्यू टीम सुरंग में फंसे मजदूरों तक पहुंच सकती है। टनल के अंदर 60 मीटर के दायरे में जो मलबा भरा हुआ था उसमें से बीस मीटर मलबा हटा लिया गया है। चालीस मीटर का बचा हुआ मलबा भी आज देर शाम तक हटाया जा सकता है। वॉकी-टॉकी के जरिए टनल में फंसे मजदूरों से संपर्क हो चुका है। मजदूरों ने बताया है कि वो सुरक्षित हैं।
उत्तरकाशी सुरंग हादसे की जांच के लिए कमेटी गठित
उत्तरकाशी में हुए सुरंग हादसे की जांच की जाएगी। उत्तराखंड सरकार ने इसकी जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया है। इस कमेटी में छह लोगों को शामिल किया गया है। ये कमेटी इस हादसे के कारणों का पता लगाएगी।
Uttarakhand govt constitutes a six-member expert committee to investigate the Uttarkashi tunnel accident. pic.twitter.com/kVGmPI1hh6
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 14, 2023
यमुनोत्री टनल में फंसे सभी मजदूर सुरक्षित
वॉकी-टॉकी के जरिए टनल में फंसे मजदूरों से संपर्क हो चुका है। मजदूरों ने बताया है कि वो सुरक्षित हैं। मजदूरों को खाने के पैकेट पाइप के जरिये भेजे जा रहे हैं। ये पाइप टनल के अंदर पानी की सप्लाई के लिए बिछाई गई थी अब ये फूड पैकेट भेजने के काम आ रही है। इसी पाइपलाइन के जरिए मजदूरों से कम्युनिकेशन स्थापित करने का काम भी लिया जा रहा है। पहले टनल में फंसे मजदूर तक संदेश भेजने के लिए कागज पर लिखे संदेश की पर्ची पाइप लाइन के जरिए भेजी गई थी बाद में खाने के लिए चने के पैकेट भी इसी पाइपलाइन के जरिए भेजे गए।
आज शाम तक मजदूरों के निकलने की संभावना
एक तरफ जहां मलबा हटाने का काम चल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ सुरंग के दूसरे छोर पर पाइप डालने का काम भी किया जा रहा है। एनडीआरएफ सुरंग के अंदर फंसे 40 मजदूरों को निकालने के लिए 900 मिलि मीटर का स्टील पाइप डालने की कोशिश कर रही है। अगर ये पाइप मलबे के दूसरे छोर तक बिछाने में कामयाबी मिल जाती है तो सभी मजदूरों को तुरंत बाहर निकाला जा सकता है। ये पाइप ढाई से तीन फीट तक चौड़ा होगा। स्टील का ये पाइप अदर अंदर पहुंच गया तो मलबा हटाए बिना ही अंदर फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला जा सकेगा। डिज़ास्टर मैनेजमेंट के सेक्रेटरी रंजीत सिन्हा ने कहा कि आज रात या परसों सुबह तक सबको बाहर निकाला जा सकता है।
किस राज्य के हैं कितने मजदूर?
सुरंग के अंदर फंसे 40 मजदूरों में से 15 झारखंड के हैं। 8 उत्तर प्रदेश के, 5 ओडिशा के, 4 बिहार के, 3 पश्चिम बंगाल के और उनके अलावा 2-2 मजदूर उत्तराखंड, असम के हैं और एक मजदूर हिमाचल प्रदेश का है। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इस घटना की पूरी जानकारी ली है। केंद्र सरकार हर तरीके से मदद कर रही है, उन्हें उम्मीद है कि सभी को सही सलामत बाहर निकाल लिया जाएगा।
बीती देर रात 2:30 बजे हरिद्वार और देहरादून से 900 एमएम व्यास के पाइपों से लदे ट्रक घटनास्थल सिलक्यारा पहुंच गए हैं।
- 900 मिमी व्यास के पाइप साइट पर पहुंचे।
- ऑगर ड्रिलिंग मशीन साइट पर पहुंच गई है।
- ऑगर मशीन के लिए प्लेटफार्म तैयार कर लिया गया है।
- ऑगर ड्रिलिंग मशीन की स्थापना का कार्य प्रगति पर है।
- 21 मीटर हिस्से में गंदगी हटाई गई है और खुले क्षेत्र में शॉटक्रेटिंग की जा रही है।
- एनएचआईडीसीएल के अनुसार, फंसे हुए सभी कर्मचारी सुरक्षित हैं।
सुरंग में फंसे मजदूरों को भेजा गया खाना
पाइप के जरिये ही श्रमिकों से उनका हालचाल जाना है। उन्हें दवाई के लिए भी पूछा है। लेकिन, श्रमिकों ने कहा कि वह सही है। इसलिए कोई दवाई नहीं भेजी गई। श्रमिकों ने खाना मांगा तो उन्हें चने आदि भेजे गए। जल्दी से जल्दी मलबा हटाने का कार्य किया जा रहा है। मलबा हटाने का कार्य श्रमिक ही कर रहे हैं। श्रमिकों को सुरंग के अंदर काम करने का अच्छा अनुभव होता है।
फंसे श्रमिकों की आवाज सुनकर जगी उम्मीद
उत्तरकाशी। सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों से पाइप और वॉकी-टॉकी से बात करने वाले झारखंड निवासी एवं नवयुव इंजीनियरिंग कंपनी के श्रमिक सुदीप मंडल ने कहा कि मैंने सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों से पाइप के जरिये बात की है। फंसे श्रमिकों की आवाज सुनकर एक उम्मीद जगी है।
पर्ची से भेजा जा रहा संदेश
उत्तरकाशी। टनल के अंदर यह पाइपलाइन राहत और बचाव अभियान में काफी मददगार साबित हो रही है। इसी पाइपलाइन के जरिए मजदूरों से कम्युनिकेशन स्थापित करने का काम भी लिया जा रहा है।
पहले टनल में फंसे मजदूर तक संदेश भेजने के लिए कागज पर लिखे संदेश की पर्ची पाइप लाइन के जरिए भेजी गई थी और अब ठीक हादसे वाले स्थल के पास से इस पाइपलाइन को खोलकर मजदूर तक संदेशों का आदान-प्रदान किया गया है।
राहत-बचाव के सभी संभावित विकल्पों पर हो रहा विचार- मुख्यमंत्री धामी
उत्तरकाशी। सिलक्यारा टनल में रविवार की सुबह साढ़े पांच बजे शिफ्ट बदली करने के दौरान सुरंग में भूस्खलन हुआ। मुख्य द्वार से करीब 270 मीटर दूरी पर मलबा आने से सुरंग बंद हो गई। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस राहत-बाचव में जुटे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटनास्थल पर पहुंचकर राहत-बचाव कार्यों का जायजा लिया और कहा कि राहत-बचाव के सभी संभावित विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।