बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. दरअसल, सारे गुजराती ठग वाले बयान को लेकर तेजस्वी के खिलाफ अहमदाबाद कोर्ट में 4 नवंबर को सुनवाई हुई थी. वहीं, तेजस्वी के वकील ने तेजस्वी के खिलाफ हुए आपराधिक मानहानि केस को ट्रांसफर करने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की थी. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए इस मामले की अहमदाबाद कोर्ट में सुनवाई पर रोक लगा दी है, जिसके बाद अब तेजस्वी को निचली अदालत में पेश नहीं होना पड़ेगा.
तेजस्वी को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद तेजस्वी को निचली अदालत में पेशी से छूट भी मिल गई है. 4 नवंबर को अहमदाबाद कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई थी, जहां तेजस्वी के वकील ने बताया कि उन्होंने अपने खिलाफ आपराधिक मानहानि केस को ट्रांसफर करने की मांग करते हुए sc का रुख किया है. इसके बाद इस मामले पर 6 नवंबर को सुनवाई है.
नहीं जाना पड़ेगा निचली अदालत
आरजेडी नेता ने अपने वकील के जरिये गुजरात के अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट डीजे परमार की अदालत में उपस्थित होने से छूट मांगी थी. तेजस्वी यादव ने सुप्रीम कोर्ट के सामने सीआरपीसी की धारा 406 के तहत एक याचिका दायर की है, जिसमें तेजस्वी ने कहा कि वो एक कानून का पालन करने वाले नागरिक और बिहार के डिप्टी सीएम हैं और आमतौर पर पटना में अपने आधिकारिक पते पर रहते हैं. जिम्मेदारियों की वजह से उन्होंने कोर्ट की कार्यवाही में हिस्सा लेने में असमर्थता जताई थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि आम जनता के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण परियोजनाओं की वजह से वो कोर्ट की कार्यवाही में शामिल होने में असमर्थ हैं.
गुजरातियों पर किया था कमेंट
साथ ही आगामी धार्मिक उत्सवों में व्यस्त रहने का भी उन्होंने हवाला दिया था. गौरतलब है कि मार्च 2023 में तेजस्वी यादव ने गुजरातियों को लेकर बयान दिया था. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा था कि सिर्फ गुजराती ही ठग होते हैं. बैंकों का पैसा लेकर भागने वालों का कर्ज माफ किया जा रहा है. इसी बयान पर आपत्ति जताते हुए गुजरात के एक कारोबारी और सामाजिक कार्यकर्ता हरेश मेहता ने तेजस्वी यादव के खिलाफ अहमदाबाद की स्थानीय मेट्रोपॉलिटन कोर्ट में आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर करा दिया. याचिकाकर्ता ने तेजस्वी के बयान को गुजरातियों की भवनाओं को आहत करने वाला बताया था.