उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित बीएचयू आईआईटी में छेड़खानी के बाद छात्रों ने सुरक्षा संबंधी कुछ मांगे रखी थीं। इनमें से एक मांग आईआईटी कैंपस को फिजिकल बाउंड्री से कवर करना भी था। छात्रों के दबाव में प्रशासन ने इस मांग को मान लिया है और कमिटी बनाकर एक हफ्ते में इसकी जांच रिपोर्ट देने की बात कही है। बीएचयू परिसर के अंदर दीवार बनाने को लेकर अब काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र बेहद नाराज हैं और इसे महामना की सोच के खिलाफ बता रहे हैं। सोशल मीडिया पर लगभग सभी विचारधारा से जुड़े हुए छात्र संगठन भी प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ दिख रहे हैं। यह काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आने वाले कुछ दिनों में एक नए विवाद की वजह बन सकता है।
बीएचयू के बवाल में आयुक्त और पुलिस कमिश्नर क्यों है निशाने पर
छात्रों की सात सूत्रीय मांगों को ध्यान में रखते हुए एडिशनल सीपी चिनप्पा और आईआईटी के डायरेक्टर से वार्ता के बाद आईआईटी के रजिस्ट्रार ने एक पत्र निर्गत करते हुए बताया कि मंडल आयुक्त कौशल राज शर्मा ने शिक्षा विभाग से बात करके आईआईटी कैंपस के फिजिकल बाउंड्री के निर्माण के लिए एक सर्वे टीम की का गठन किया है जो एक हफ्ते में रिपोर्ट देगी। आईआईटी के छात्रों ने एक ओर इस फैसले का स्वागत किया है तो वहीं दूसरी ओर चारदीवारी निर्माण की खबर पाते ही काशी हिंदू विश्वविद्यालय से जुड़े हुए सभी वर्तमान और पूर्व छात्र एक स्वर में सोशल मीडिया पर इसका विरोध कर रहे हैं।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्वायत्तता के खिलाफ मंडल आयुक्त द्वारा इस तरह की घोषणा किए जाने से बीएचयू के छात्र नाराज हैं और लगातार मंडल आयुक्त और पुलिस कमिश्नर के साथ आईआईटी डायरेक्टर को निशाने पर लिए हुए हैं। छात्रों का साफतौर पर मानना है कि पंडित मदन मोहन मालवीय ने एक वृहद सोच के तहत विज्ञान-तकनीकी-चिकित्सा इन सभी विषयों को जोड़कर एक पूरे परिसर का निर्माण कराया था और इसके अंदर किसी भी तरह का सीमांकन करना या बाउंड्री करना महामना की सोच के बिलकुल खिलाफ है।
बीएचयू के विभाजन के खिलाफ
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र आईआईटी प्रशासन और जिला प्रशासन के इस फैसले के बेहद खिलाफ देख रहे हैं। सोशल मीडिया पर कई तरह की बातें छात्र लिख रहे हैं और बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दे रहे हैं। शोध छात्र पतंजलि पांडे ने कहा कि महामना की सोच के खिलाफ बीएचयू कैंपस के अंदर में विभाजन करने की विभाजनकारी नीतियां लगातार बनती जा रही हैं। जिस तरीके से इस बाउंड्री वॉल का निर्माण का आदेश दिया गया है लगता है कि वह बीएचयू कैंपस के अंदर में ही गाजा पट्टी का निर्माण कर रहे हैं।
क्या बाउंड्री से नहीं होगी घटना
प्रशासन के द्वारा लिए गए फैसले के खिलाफ सोशल मीडिया पर बीएचयू के छात्र तरह-तरह की बातें लिख रहे हैं। सोशल मीडिया पर लिखा है कि परिसर के अंदर बिल्कुल एक कोने में स्थापित आईआईटी परिसर में अगर कोई घटना हो रही है तो उसके लिए जिम्मेदार वहां का सुरक्षा तंत्र है। रात में 1:30 बजे परिसर के अंदर कोई अगर घूम रहा है तो प्रॉक्टोरियल गार्ड ने उसे रोक कर पूछा क्यों नहीं। दूसरी बात जिस जगह घटना हुई वहां से भागने के दो से तीन रास्ते ही हैं। सभी प्रमुख रास्तों पर सीसीटीवी है। वह सीसीटीवी काम क्यों नहीं कर रहे थे? अपराधियों की धर-पकड़ अब तक क्यों नहीं हुई है। इन सवालों के जवाब से बचने के लिए प्रशासन ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय में चहारदीवारी निर्माण का एक नया शिगूफा छेड़ दिया है जो कि प्रशासन की नाकामी बताने के लिए काफी है।
BHU IIT student से छेड़छाड़ पर कैंपस में जारी है विरोध, प्रशासन ने उठाए ये बड़े कदम
देश की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी बीएचयू से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. बुधवार देर रात आईआईटी की एक छात्रा से कुछ मनचले युवकों ने छेड़छाड़ की. युवक ने बंदूक की नोक पर लड़की के कपड़े उतार दिए और वीडियो बनाया. इस दौरान छात्र का दोस्त भी उसके साथ चल रहा था, जब उसने विरोध किया तो उसकी अलग से पिटाई की गई. दरअसल, एक छात्रा रात में अपने कैंप्स में टहल रही थी, इसी दौरान बुलेट सवार युवक आए और छात्रा को घेर लिया. युवकों ने छात्रा के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की. मनचले यहीं नहीं रुके, उन्होंने छात्रा के कान पर बंदूक रख दी और उसके सारे कपड़े उतरवा दिए.
छात्रा ने कैसे बचाई अपनी जान?
आईआईटी छात्रा अपनी जान बचाने की कोशिश करते हुए एक प्रोफेसर के घर में घुस गई, जहां प्रोफेसर उसे तुरंत सुरक्षाकर्मियों के पास ले गई. इसके बाद यह जानकारी अधिकारी तक पहुंची. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अज्ञात लोगों के खिलाफ लंका थाने में धारा 304 ख, 504 बी और आईटी एक्ट की धारा 66 ई के तहत मामला दर्ज किया है. वहीं, लंका थाना के प्रभारी अश्वनी पांडे को लाइन हाजिर किया गया है
छात्रा ने रखीं ये मांग
इस घटना के बाद से बीएचयू में आक्रोश फैल गया है. गुरुवार को सैकड़ों छात्र राजपूताना चौराहे पर पहुंचे और धरने पर बैठ गए. छात्रों ने मांग कि कोई भी बाहरी व्यक्ति परिसर के अंदर प्रवेश न करे. पूरे परिसर में सुरक्षा होनी चाहिए. इसके साथ ही छात्रों ने अपनी कई मांगें प्रशासन के सामने रखीं. प्रशासन और छात्रों के बीच कई मांगों पर सहमति बनी. बातचीत के बाद निर्णय लिया गया कि आईआईटी परिसर में फिजिकल फेंसिंग की जाएगी. परिसर से बाहर जाने वाले 7 गेटों पर प्रॉक्टर टीम के साथ जिला पुलिस तैनात रहेगी.
2017 में हो चुकी है छेड़खानी की घटना
जिला प्रशासन और आईआईटी गार्ड भी सीसीटीवी से नजर रखेंगे. पूरे परिसर में लाइटों की व्यवस्था की जायेगी. किसी भी आपात स्थिति में प्रॉक्टर कार्यालय में एक सब इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस अधिकारी के साथ पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे. आपको बता दें कि बीएचयू के अंदर ये कोई पहला मामला नहीं है. धरने पर बैठे छात्रों ने बताया कि 2017 में एक छात्रा के साथ छेड़छाड़ की घटना हुई थी और यह भी घटना उसे कम शर्मनाक नहीं है.