राजस्थान में बीजेपी की तीसरी लिस्ट को लेकर उम्मीदवारों के नामों को लेकर गहन मंथन चल रहा है। इस बीच शनिवार को कांग्रेस की ज्योति खंडेलवाल, पंडित सुरेश मिश्रा और युवा नेता रविंद्र सिंह भाटी समेत कई नेता बीजेपी में शामिल हुए हैं। इन नेताओं के बीजेपी में शामिल होने को लेकर सियासत में जमकर हलचल मची हुई है। वहीं युवा नेता रविंद्र सिंह भाटी बीजेपी की सियासत में सुर्खियों में आ चुके हैं। माना जा रहा है कि बीजेपी की तीसरी लिस्ट में उनके नाम पर मुहर लग सकती है। सियासी चर्चा यह भी है कि उन्हें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने सरदारपुरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाया जा सकता है। इस रिपोर्ट से समझते हैं कि युवा नेता रविंद्र सिंह भाटी कौन हैं? क्या मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को चुनौती दे सकते हैं?
बीजेपी में शामिल होकर सुर्खियों में आए भाटी
राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर काफी समय से सियासी चर्चाएं थी कि कांग्रेस के कुछ नेता बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। इसको लेकर भाजपा के नेताओं ने अपने बयानों में कई बार संकेत भी दिए। बीते शनिवार को पूर्व विधायक चंद्रशेखर वेद, पूर्व विधायक नंदलाल पूनिया, जयपुर की पूर्व महापौर ज्योति खंडेलवाल, झुंझुनूं से हरिसिंह सहारण, कांग्रेस नेता सांवरमल महेरिया, केसरसिंह शेखावत, भीम सिंह पिका, जयपाल सिंह और युवा नेता रविंद्र सिंह भाटी बीजेपी में शामिल हुए। इसके बाद से रविंद्र भाटी सियासत में काफी सुर्खियों में हैं। माना जा रहा है कि उन्हें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने सरदारपुरा विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरा जा सकता है।
गहलोत के सामने उतरने को लेकर सियासत में चर्चा
राजस्थान में बीजेपी 76 विधानसभा सीटों के उम्मीदवारों को लेकर मंथन में जुटी हुई है। बीजेपी अब तक दो लिस्ट के जरिए 124 उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। इस बीच कांग्रेस के कई बड़े नेता बीजेपी में शामिल हुए। इसके बाद से बीजेपी की तीसरी लिस्ट को लेकर हाई कमान काफी मंथन में जुट गया है। चर्चा है कि बीजेपी में शामिल होने वाले कुछ नेताओं के नाम तीसरी सूची में आ सकते हैं। इनमें रविंद्र सिंह भाटी का नाम काफी चर्चा में है। भाटी जोधपुर विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति में काफी सक्रिय रहे हैं। रविंद्र सिंह भाटी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने सरदारपुरा विधानसभा सीट पर उतारने की काफी सियासी चर्चा है। हालांकि रविंद्र सिंह शिव विधानसभा से अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं।
भाटी ने छात्र संघ चुनाव में रचा था इतिहास
युवा नेता रविंद्र सिंह भाटी ने छात्र संघ चुनाव से राजनीति में प्रवेश किया। इस दौरान 2019 में उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा। उन्होंने एबीवीपी से टिकट मांगा था। लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। इस पर भाटी ने निर्दलीय चुनाव जीतकर इतिहास रच डाला। जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर में 57 साल के छात्र संघ चुनाव के इतिहास में पहली बार रविंद्र भाटी ने निर्दलीय चुनाव जीतकर इतिहास बनाया। उन्होंने 1294 वोटों से जीत हासिल कर सियासत को अपनी और आकर्षित कर लिया। भाटी अपने आक्रामक रवैये के कारण जाने जाते हैं।
युवाओं के लिए संघर्ष कर सियासत की नजरों में आए भाटी
युवा नेता रविंद्र सिंह भाटी अपने आक्रामक तेवरों के कारण युवाओं में काफी फेमस रहे। इस दौरान उन्होंने 2016 में छात्र राजनीति में प्रवेश किया। उन्होंने छात्र हितों के लिए कई धरना प्रदर्शन कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। वे जय नारायण विश्वविद्यालय के अध्यक्ष कुणाल सिंह भाटी के साथ लगातार सक्रिय रहे। इसके कारण उनकी युवाओं में अच्छी पहचान बन गई। समय-समय पर आंदोलनों में हिस्सा लेने के कारण वे युवाओं की आवाज के रूप में पहचाने जाने लगे हैं।